नई दिल्ली। लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बना मोबाइल अब भारतीय अर्थव्यवस्था (जीडीपी) के लिए भी जरुरी हो गया है। ग्लोबल टेलिकम्युनिकेशन इंडस्ट्री जीएसएमए की स्टडी के मुताबिक मोबाइल सर्विस सेक्टर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2020 तक 8.2 फीसदी यानी 14 लाख करोड़ रुपए का योगदान करेगा। इसका मतलब साफ है इस सेक्टर में आने वाले दिनों में नौकरी की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। रिपोर्ट के अनुसार अगले 5 साल में 10 लाख नई नौकरी के अवसर पैदा होगें।
जीडीपी में बढ़ेगा मोबाइल सर्विस इंडस्ट्री का योगदान
मोबाइल इकोनॉमी इंडिया 2015 रिपोर्ट के अनुसार देश के जीडीपी में मोबाइल सर्विस सेक्टर का योगदान 2014 में 7.7 लाख करोड़ रुपए यानी 6.1 फीसदी रहा। रिपोर्ट की जानकारी देते हुए एशिया के जीएसएमए प्रमुख एलेस्डेयर ग्रांट ने कहा, यह योगदान 2020 तक 14 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है जो, उस समय अनुमानित जीडीपी का 8.2 फीसदी होगा।
मोबाइल सर्विस इंडस्ट्री देगी 50 लाख लोगों को नौकरी
मोबाइल सर्विस इंडस्ट्री में 2014 में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 40 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। 2020 तक यह 50 लाख हो जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा, देश के रेवेन्यु में भी इस सेक्टर का बड़ा योगदान है। सेक्टर का का टैक्स और स्पेक्ट्रम नीलामी भुगतान के रूप में 2014 में योगदान करीब 1.1 लाख करोड़ रुपए रहा।
जीएसएम मोबाइल उपभोक्ता की संख्या बढ़कर 73.94 करोड़
देश में जीएसएम मोबाइल उपभोक्ता की संख्या अक्टूबर में 63 लाख बढ़कर 73.94 करोड़ हो गई। सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा कि सितंबर तक कुल जीएसएम उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 73.31 करोड़ रही थी। इनमें नंबर एक कंपनी भारती एयरटेल के ग्राहकों की संख्या अक्टूबर में 27.67 लाख बढ़ कर 23.79 करोड़ हो गई और इसकी बाजार हिस्सेदारी 32.18 फीसदी रही। नंबर दो वोडाफोन के उपभोक्ताओं की संख्या 13.06 लाख बढ़कर 18.94 करोड़ और बाजार हिस्सेदारी 25.62 फीसदी हो गई।
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