नई दिल्ली। अब जल्द ही व्हाट्सएप और स्काइप की तरह एयरटेल, आइडिया जैसी कंपनियां भी आपको इंटरनेट कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध करा सकेंगे। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) अगले हफ्ते कंसल्टेशन पेपर जारी करेगा। इसमें ट्राई टेलिकॉम कंपनियों को कंज्यूमर्स को इंटरनेट पर कॉल करने का विकल्प देने की इजाजत देने के संबंध में संबंधित पक्षों की राय जानेगा। अगर कंपनियों को इसकी मंजूरी मिलती है तो उन्हें इस मामले में वॉट्सऐप और स्काइप जैसे ऐप कम्युनिकेशन प्रोवाइडर्स जैसा दर्जा मिल जाएगा।
इकोनोमिक टाइम्स अखबार को दिए गए इंटरव्यू में ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीपीएस) इंटरनेट टेलिफोनी या वॉयस ओवर आईपी नहीं दे सकती हैं क्योंकि वे लाइसेंसीज हैं। देश में इसकी इजाजत भी नहीं है। दूसरी ओर, दूसरी इकाइयां हैं जो वीओआईपी मुहैया कराती हैं, जो इंटरनेट टेलीफोनी जैसी है। इस तरह यह रेग्युलेटरी इम्बैलेंस की स्थिति है।’ शर्मा ने कहा, ‘अब हम इंटरनेट टेलिफोनी को इजाजत दिए जाने पर काम कर रहे हैं।
टेलिकॉम कंपनियां वॉयस कॉल्स मुहैया कराने के लिए इंटरनेट टेलिफोनी का इस्तेमाल कर सकती हैं, जिसका यूज ओटीटी कर रही हैं। इस तरह कुछ हद तक रेग्युलेटरी इम्बैलेंस घट जाएगा।’ शर्मा ने कहा कि नेट न्यूट्रैलिटी पर सोमवार को जारी प्री-कंसल्टेशन पेपर के जरिए रेग्युलेटर पूरी तरह से यह पक्का करना चाहता है कि इस विवादित विषय से जुड़ा कोई भी पहलू छूट न जाए।
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