नई दिल्ली। सरकारी स्वामित्व वाली एमएमटीसी ने प्याज की घरेलू आपूर्ति में सुधार लाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान, मिस्र, चीन और अफगानिस्तान जैसे देशों से 2,000 टन प्याज आयात के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। एमएमटीसी द्वारा इस साल जारी की गई यह पहली निविदा है।
प्याज के भंडार की कमी की वजह से देश के अधिकांश हिस्सों में प्याज की खुदरा कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंचने के बाद सरकार ने इसके आयात का फैसला किया है। एमएमटीसी के अनुसार, पाकिस्तान, मिस्र, चीन, अफगानिस्तान या किसी अन्य स्थान से 2,000 टन प्याज आयात के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं। बोलियां 24 सितंबर से पहले जमा करानी होगी और यह 10 अक्टूबर तक वैध होगी।
प्याज की खेप नवंबर के अंतिम सप्ताह तक बंदरगाह पर पहुंच जानी चाहिए। बोलीदाताओं को विभिन्न स्थान के प्याज के लिए अलग-अलग बोली अमेरिकी डॉलर में लगानी होगी। यह बोली न्यूनतम 500 टन प्याज के लिए लगानी होगी। अंतर्देशीय कंटेनर डिपो के मामले में, न्यूनतम बोली की मात्रा 250 टन के लिए होगी। आवश्यकता के आधार पर वास्तविक आपूर्ति का ऑर्डर, 250 टन प्याज की मात्रा के लिए विनियमित किया जाएगा।
250 टन की इस मात्रा को, निविदा में प्राप्त कीमतों के आधार पर बढ़ाया या घटाया जा सकता है। एमएमटीसी ने पिछले साल भी प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज का आयात किया था। केंद्रीय सहकारी एजेंसी नाफेड तथा सरकारी उपक्रम मदर डेयरी भी रियायती दरों पर दिल्ली के बाजारों में प्याज की आपूर्ति बढ़ा रही है। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में खरीफ (गर्मी) फसल की कमी के चलते प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं।
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