नई दिल्ली। सोमवार को टाटा इंडस्ट्रीज की एक्सट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (ईजीएम) में साइरस मिस्त्री को टाटा इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर पद से हटा दिया गया है। मिटिंग मिस्त्री को हटाने के लिए बुलाई गई थी जिसमें वोटिंग के बाद यह फैसला लिया गया। मीटिंग में अधिकतर शेयरहोल्डर्स ने मिस्त्री को हटाने के पक्ष में वोटिंग की। इससे पहले मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था। इसके बाद से रटन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच जुबानी जंग छिडी हुई है।
रटन टाटा और साइरस मिस्त्री इसलिए जंग
- टाटा संस के चेयरमैन पद से 24 अक्टूबर को साइरस मिस्त्री को अचानक हटा दिया गया।
- इसके बाद रतन टाटा को चार महीने के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है।
- रतन टाटा ने अपनी स्थिति मजबूत करने के इरादे से प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों से मिस्त्री को हटाने के लिए कदम उठाया है।
- टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में केआरएस जामवाल, आर भींगे, इरेना विट्ठल, आशीष धवन, एन श्रीनाथ और एफ एन सुबेदार शामिल हैं।
शेयरहोल्डर्स ने मिस्त्री को हटाया
- टाटा संस ने मिस्त्री को बोर्ड से हटाने के लिए टाटा ग्रुप कंपनीज के शेयरहोल्डर्स से अपील की थी।
- उनका कहना था कि मिस्त्री की बतौर डायरेक्टर मौजूदगी ‘टाटा ग्रुप के टुकड़े-टुकड़े कर सकती है।
- वहीं मिस्त्री ने शेयरहोल्डर्स से डायरेक्टर पद पर बनाए रखने की अपील थी।
- टाटा इंडस्ट्रीज टाटा संस की अनुषंगी कंपनी है।
- टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा स्टील समेत टाटा की कई कंपनियों की टाटा इंडस्ट्रीज में हिस्सेदारी है।
- टाटा इंडस्ट्रीज की मुख्य गतिविधियां वृद्धि को सुगम बनाने के लिये टाटा के नये कारोबार में प्रवेश तथा परिचालन कंपनियों में निवेश को बढ़ावा देना है।
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