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FIPB खत्‍म किए जाने के बाद मंत्रालयों को 60 दिन के भीतर लेना होगा FDI प्रस्‍तावों पर निर्णय

केंद्र सरकार ने कहा है कि FIPB को खत्म किए जाने के बाद मंत्रालयों को FDI प्रस्तावों पर आवेदन देने की तारीख से 60 दिन के भीतर निर्णय करना होगा।

FIPB खत्‍म किए जाने के बाद मंत्रालयों को 60 दिन के भीतर लेना होगा FDI प्रस्‍तावों पर निर्णय : वित्‍त मंत्रालय- India TV Paisa FIPB खत्‍म किए जाने के बाद मंत्रालयों को 60 दिन के भीतर लेना होगा FDI प्रस्‍तावों पर निर्णय : वित्‍त मंत्रालय

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि FIPB को खत्म किए जाने के बाद मंत्रालयों को FDI प्रस्तावों पर आवेदन देने की तारीख से 60 दिन के भीतर निर्णय करना होगा और खारिज किए जाने की स्थिति में औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) की सहमति की आवश्यकता होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 25 साल पुराने विदेशी निवेश के बारे में परामर्श देने वाले निकाय FIPB को समाप्त कर दिया। इसका कारण सिंगल विंडो मंजूरी के तहत तेजी से मंजूरी देकर
अधिक-से-अधिक FDI आकर्षित करना है।

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एक ज्ञापन में  वित्त मंत्रालय ने कहा कि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) को समाप्त करने के बाद संबंधित मंत्रालयों को संबद्ध क्षेत्र में विदेशी निवेश की मंजूरी के लिये कार्य आवंटित कर दिए गए हैं। उद्योग मंत्रालय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्तावों के निपटान के लिये संबंधित मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा और व्यवहार में निरंतरता और रुख में एकरूपता सुनिश्चित करेगा। इसमें कहा गया है कि मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) में जरूरत पड़ने पर FDI प्रस्तावों पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श शामिल होगा।

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जिन FDI आवेदनों पर संबद्ध मंत्रालय को लेकर संदेह होगा, DIPP उस मंत्रालय की पहचान करेगा कि आवेदन को कहां निपटाया जाना है। जरूरत पड़ने पर संबद्ध मंत्रालय को मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होगी। विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) के पास लंबित सभी आवेदन चार सप्ताह में संबद्ध मंत्रालय को हस्तांरित किया जाएगा और FIPB के पोर्टल का जिम्मा आर्थिक मामलों के विभाग से FIPB को दिया जाएगा।

फिलहाल करीब 91 से 95 प्रतिशत FDI ऑटोमैटिक रूट से आता है जबकि रक्षा एवं खुदरा कारोबार समेत केवल 11 क्षेत्रों के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2016-17 में 9 प्रतिशत बढ़कर 43.48 अरब डॉलर रहा। FDI के 5,000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव को पहले की तरह मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ही मंजूरी देगी।

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