गुवाहाटी। असम पेट्रोलियम मजदूर यूनियन (एपीएमयू) से संबद्ध तेल टैंकर कर्मियों ने सोमवार से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। उनकी मांग है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी और भविष्य निधि जैसे अन्य लाभ उपलब्ध कराए जाएं। वहीं, पेट्रोलियम इंडस्ट्री के जानकार का मानना है कि अगर हड़ताल लंबी चली तो पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है।
- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम समेत अन्य तेल विपणन कंपनियों ने उनकी मांग को अतार्किक और आधारहीन बताया है।
- कंपनी ने कहा कि उन्हें ट्रांसपोर्टर नौकरी पर रखते हैं ना कि ये सार्वजनिक तेल कंपनियां।
- यूनियन के महासचिव रमन दास ने कहा कि हमने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।
- उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हमें भी न्यूनतम वेतन, भविष्य निधि, बीमा और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के जैसे लाभ दिए जाएं।
- हमने पिछले साल नवंबर में तीनों कंपनियों से बात की थी लेकिन हम किसी फैसले पर नहीं पहुंच सके।
- जब उनसे कहा गया कि वह ट्रांसपोर्टरों के कर्मचारी हैं तो जवाब में दास ने कहा कि वे ट्रांसपोर्टरों के पास गए थे लेकिन उन्होंने उन्हें भुगतान करने से मना कर दिया।
कर्मचारियों की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक इंडियन ऑयल-एओडी दीपांकर रे ने कहा कि कंपनी हमेशा मामलों का अग्रिम सक्रियता से समाधान करती है और गलती करने वाले ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ विशेष कार्रवाई करती है लेकिन अभी कोई उनके पास आया ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग अतार्किक और आधारहीन हैं क्योंकि वह हमारे कर्मचारी नहीं हैं, तो हम कैसे उनका भुगतान कर सकते हैं?
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