नई दिल्ली। केंद्रीय खनन मंत्रालय का अनुमान है कि कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF) में 25,000 करोड़ रुपए मूल्य का पैलेडियम हो सकता है। पैलेडियम एक चमकीली चांदी जैसी सफेद धातु है। यह एक बहुत बहुमूल्य धातु है। इसके एक औंस (28 ग्राम) की कीमत 1.8 लाख रुपए है। इस धातु का इस्तेमाल कार, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और डेंटिस्ट्री में होता है।
ऐसा अनुमान है कि केजीएफ में भारत गोल्ड माइंस लिमिटेड की साइट पर पड़े खदानों के अवशेष में 1.3 करोड़ टन पैलेडियम हो सकता है। एक समय था जब इन खदानों में हजारों लोग काम करते थे और एक पूरे शहर की अर्थव्यवस्था इन्हीं खदानों पर आधारित थी। केजीएफ में गोल्ड माइनिंग को 2012 में बंद कर दिया गया क्योंकि यहां सोना खनन की लागत बढ़ गई थी और राजस्व कम हो गया था। कोलार गोल्ड फील्ड में सबसे पहले 1902 में सोने की खुदाई शुरू हुई थी। तब अंग्रेजों ने इसे मिनी इंग्लैंड का नाम दिया था, क्योंकि एशिया में जापान के बाद केजीएफ ही ऐसा नगर था, जहां बिजली थी। यहां पानी की उपलब्धता के लिए अंग्रेजों ने एक कृत्रिम झील का भी निर्माण किया था। 121 सालों तक लगातार यहां से सोने की खुदाई हुई।
Image Source : twitterMineral exploration starts at the Kolar Gold Fields
यदि यहां पैलेडियम मिल जाता है और इसका खनन व्यावहारिक होता है तो न केवल इससे सरकार को फायदा होगा, बल्कि इस इलाके में फिर से आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) ने कोलार स्वर्ण क्षेत्र (केजीएफ) में खोज का काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यह बताते हुए प्रसन्नता है कि कोलार स्वर्ण क्षेत्र के बेत्रास्वामी ब्लॉक में खोज के इरादे से खुदाई का काम आज से शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि खनन से भारत गोल्ड माइन्स लि. (बीजीएमएल) के केजीएफ में खोज से जुड़े मसले के समाधान में मदद मिलेगी, जो 16 साल से लंबित है।
जोशी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ 28 अगस्त को बैठक के बाद खोज कार्य शुरू किया गया। मंत्री ने कहा कि उन्होंने बैठक के बाद एमईसीएल को बीजीएमएल के खनन पट्टा वाले क्षेत्र में तत्काल खोज कार्य शुरू करने का निर्देश दिया था।
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