नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने माइकल देवव्रत पात्रा को भारतीय रिजर्व बैंक का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। कार्मिक मंत्रालय ने इस बारे में आदेश जारी किया है। पात्रा का कार्यकाल तीन साल का होगा। पात्रा अभी तक कार्यकारी निदेशक के रूप में मौद्रिक नीति विभाग का काम देख रहे थे। वह रिजर्व बैंक के चौथे डिप्टी गवर्नर होंगे।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पात्रा को तीन साल के लिए नियुक्त किया गया है। पात्रा ने आचार्य का स्थान लिया, जिन्होंने पिछले साल 23 जुलाई को पद छोड़ दिया था।
समझा जाता है कि पात्रा के पास भी आचार्य की तरह ही मौद्रिक नीति विभाग रहेगा। वह सभी महत्वपूर्ण मौद्रिक नीति समिति में भी शामिल होंगे, जो ब्याज दर पर निर्णय लेती है। गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाले रिजर्व बैंक में अधिकतम चार डिप्टी गवर्नर हो सकते हैं। केंद्रीय बैंक के अन्य तीन डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन, बी पी कानूनगो और एम के जैन हैं।
पात्रा उन उम्मीदवारों में से एक हैं, जिनका वित्त मंत्रालय की समिति ने साक्षात्कार लिया था। समिति में बैंकिंग और वित्त सचिव राजीव कुमार शामिल थे। समझा जाता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी पात्रा के नाम पर मुहर लगाई है। इस पद पर परंपरागत रूप से केंद्रीय बैंक के बाहर के अर्थशास्त्रियों का चयन होता रहा है। आचार्य से पहले इस पद पर उर्जित पटेल थे, जिन्हें बाद में गवर्नर बना दिया गया।
2017 में आरबीआई के साथ करियर शुरू करने वाले माइकल पात्रा की मौद्रिक नीति को लेकर सोच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से मेल खाती है। दास के दिसंबर 2018 में पद संभालने के बाद से रेपो रेट में लगातार तीन बार हुई कटौती में पात्रा ने हमेशा पक्ष में मतदान किया है।
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