नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) फार्मास्युटिकल्स विभाग पर जल्द चिकित्सा उपकरण नीति लाने का दबाव बना रहा है। इससे इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और इसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा हाल में बुलाई गई बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ।
सूत्रों का कहना है कि इस तरह की समझ बनी है कि एफडीआई नीति में उदारता का लाभ लेने को एक बेहतर चिकित्सा उपकरण नीति की जरूरत है। देश में चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण पर स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
फार्मास्युटिकल्स विभाग के अनुसार इस नीति पर काम तेज किया गया है और इसे जल्द जारी किया जाएगा। यह नीति इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत अपनी चिकित्सा उपकरण आवश्यकता का करीब 80 प्रतिशत आयात से पूरा करता है। चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण करने वाली घरेलू कंपनियों में सीमंस, पोली मेडिक्योर, बीपीएल और ऑप्टो सर्किट्स शामिल हैं।
गरीबों के लिए काम करती रहेगी सरकार : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के 37वें स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं के संघर्ष को याद किया और कहा कि अंत्योदय के मंत्र के साथ पार्टी भारत, खासकर गरीबों एवं वंचितों की सेवा करने के अपने प्रयासों को पूरे जोश से आगे बढ़ाती रहेगी।
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