नई दिल्ली। मैक्स इंडिया ने कहा है कि वह मैक्स लाइफ और HDFC लाइफ विलय को लेकर प्रतिबद्ध है और वह विभिन्न विकल्पों का आकलन कर रही है। बीमा क्षेत्र के नियामक भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) की ओर से इस सौदे को लेकर कुछ आपत्ति जताए जाने के बाद कंपनी ने यह बात कही है। बीमा नियामक ने पिछले साल नवंबर में मैक्स लाइफ और एचडीएफसी लाइफ के मौजूदा स्थिति में विलय को लेकर बीमा कानून 1938 की धारा 35 के तहत मामले में आपत्ति जताई थी। बीमा अधिनियम 1938 की धारा 35 एक बीमा कंपनी के गैर-बीमा कंपनी के साथ विलय की अनुमति नहीं देती है।
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मैक्स इंडिया ने इस संबंध में नियामकीय जानकारी देते हुए कहा है कि भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण को भेजे ज्ञापन के जवाब में प्राधिकरण ने 7 जून को एक बार फिर बीमा अधिनियम 1938 की धारा 35 को लेकर अपनी वास्तविक स्थिति को दोहराया है।
बहरहाल, कंपनी ने कहा है कि वह HDFC लाइफ और मैक्स इंडिया विलय को लेकर प्रतिबद्ध है और विभिन्न विकल्पों को देख रहे हैं।
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HDFC लाइफ और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (MLIC) ने 21 सितंबर 2016 को आवेदन कर IRDAI से प्रस्तावित विलय को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी के लिये आवेदन किया था। विलय का जो प्रस्ताव दिया गया है वह काफी जटिल है जिसमें मैक्स इंडिया पहले मैक्स लाइफ इंश्योरेंस को मैक्स फाइनेंसियल सविर्सिज में मिलायेगी। उसके बाद इस मिश्रित इकाई में से बीमा कारोबार को अलग किया जाएगा और उसे HDFC स्टैंडर्ड लाइफ कंपनी को हस्तांतरित किया जायेगा। मैक्स फाइनेंसियल सर्विसिज को दो अरब डालर के मैक्स समूह ने प्रवर्तित किया है जो कि उसकी होल्डिंग कंपनी है।
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