सेनेटाइजर और मास्क अनिवार्य वस्तु में शामिल, कालाबाजारी या मुनाफाखोरी पर होगी जेल
अधिनियम के तहत गड़बड़ी करने पर सात साल की जेल का प्रावधान
नई दिल्ली। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये शुक्रवार को एन95 समेत अन्य मास्क और सेनेटाइजर को जून तक अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में लाने की घोषणा की। कोरोना वायरस के फैलने के साथ इन दोनों उत्पादों की कमी और कालाबाजारी के कारण यह कदम उठाया गया है। सरकारी आदेश के अनुसार ये उत्पाद अनिवार्य वस्तु श्रेणी में जून तक रहेंगे।
इस कदम का मकसद लोगों को मास्क और सेनेटाइजर वाजिब मूल्य पर उपलब्ध कराना और जमाखोरी तथा कालाबाजारी पर रोक लगाना है। सरकार ने अनिवार्य वस्तु अधिनियम के तहत आदेश को अधिसूचित कर दिया है। इसमें मास्क जैसे 2 प्लाई ओर 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन95 मास्क और हाथ साफ करने में उपयोग होने वाले सैनेटाइजर को 30 जून 2020 तक अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में रखा गया है।
इस निर्णय से केंद्र के साथ-साथ राज्यों को मास्क और सैनेटाइजर के उत्पादन, गुणवत्ता और वितरण का नियमन कर सकेंगे। साथ ही इससे बिक्री और उपलब्धता सुचारू होंगे और सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी। कोरोना वायरस के फैलने के कारण मास्क और सैनेटाइजर की मांग बढ़ने के साथ बाजार में इसके उपलब्ध नहीं होने या ऊंची कीमत पर बिकने की खबर के बाद यह कदम उठाया गया है। अनिवार्य वस्तु अधिनियम के तहत गड़बड़ी करने पर सात साल की जेल का प्रावधान है।