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मार्कसंस फार्मा को एलर्जी की दवा के लिए USFDA से मिली मंजूरी, दो कंपनियां जुटाएगी NCD से पैसे

मार्कसंस फार्मा को एलर्जी के इलाज में काम आने वाली दवा लोराटेडाइन लिक्विड फिल्ड कैप्सूल्स की अमेरिकी बाजार में बिक्री के लिए यूएसएफडीए की मंजूरी मिल गई है।

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नई दिल्ली। मार्कसंस फार्मा को एलर्जी के इलाज में काम आने वाली दवा लोराटेडाइन लिक्विड फिल्ड कैप्सूल्स की अमेरिकी बाजार में बिक्री के लिए अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक यूएसएफडीए की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि यूएसएफडीए ने एलर्जी के इलाज में काम आने वाले 10 एमजी के कैप्सूल को मंजूरी दे दी है।

एनसीडी से 7,000 करोड़ रुपए जुटाएगी इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस 

इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस ने आज कहा कि वह गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 7,000 करोड़ रुपए जुटाएगी। कंपनी इस राशि का इस्तेमाल कारोबार विस्तार पर करेगी। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कंपनी की बांड निर्गम समिति ने 1,000 रुपए अंकित मूल्य के एनसीडी जारी करने की अनुमति दे दी है।

मूल निर्गम 3,500 करोड़ रुपए का होगा और 3,500 करोड़ रुपए का अधिक अभिदान भी कंपनी रख सकेगी। इस तरह निर्गम कुल मिलाकर 7,000 करोड़ रुपए का होगा। इन डिबेंचरों के लिए कूपन दर 8.55 से 9.15 प्रतिशत के बीच रखे जाने की संभावना है।

एनसीडी के जरिये 475 करोड़ रुपए जुटाएगी महिंद्रा 

घरेलू वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने निजी नियोजन के आधार पर गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 475 करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की है। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने यह जानकारी दी। कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह इस राशि का इस्तेमाल कैसे करेगी।

बालिका शिक्षा समर्थन के लिए नेस्ले ने दिया मैगी, नेस्कैफे, किटकैट को नया रूप 

बालिका शिक्षा को समर्थन देने के लिए नेस्ले इंडिया ने एक गैर सरकारी संगठन नन्हीं कली के साथ साझेदारी की है और इसके तहत उसने अपने मैगी, नेस्कैफे और किटकैट ब्रांड को नया स्वरूप दिया है।

कंपनी ने एक बयान में बताया कि बालिका शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के प्रयास के तहत नेस्ले अपने उत्पादों के 10 करोड़ पैकों का रूप बदलेगी और यह सितंबर अंत तक बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे। नन्हीं कली परियोजना का प्रबंधन संयुक्त रूप से केसी  महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट और नांदी फाउंडेशन करते हैं। यह कई दशकों से बालिका शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।

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