मुंबई: एशियाई शेयर बाजारों में तेजी के रुख के बावजूद सटोरियों की मुनाफा वसूली से स्थानीय शेयर बाजार आज 37 अंक की गिरावट के साथ 26,552.92 अंक पर बंद हुआ। निवेशक बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजे आने से पहले सतर्कता का रुख बरत रहे हैं। ब्रोकरों ने कहा कि विदेशी निवेशकों की सतत बिकवाली और कुछ प्रमुख कंपनियों के अभी तक के तिमाही नतीजे बाजार के अनुमान के मुताबिक नहीं रहने से कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।
share market as on nov 4
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तीस शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 210 अंक तक चढ़ गया था। हालांकि कारोबार के अंत में यह 37.67 अंक नीचे 26,552.92 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की पिछले आठ कारोबारी सत्रों में यह सातवीं बार गिरावट है। कल बाजार थोड़ा सुधरा था।
इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरआती कारोबार में 8,100 का स्तर पार करने के बाद मुनाफा वसूली का शिकार हुआ और 20.50 अंक नीचे 8,040.20 अंक पर बंद हुआ।
फार्मा, आईटी, बैंकिंग, बिजली और पूंजीगत सामान वाली कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई।
इस बीच, निक्केई के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधि अक्तूबर में आठ महीने का उच्च स्तर छू गई।
विदेशी निवेशकों ने कल 449.84 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे थे।
सेंसेक्स में शामिल 30 में से 19 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए जिसमें आईसीआईसीआई बैंक 2.06 प्रतिशत और गेल 1.92 प्रतिशत टूटा। इनके अलावा, सन फार्मा, आरआईएल, ल्यूपिन, एनटीपीसी, सिप्ला और इन्फोसिस भी गिरावट के साथ बंद हुए।
वहीं दूसरी ओर, टाटा मोटर्स 6.02 प्रतिशत मजबूत हुआ। महिन्द्रा, बजाज आटो, कोल इंडिया और हीरो मोटोकार्प में भी बढ़त दर्ज की गई।
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