वैश्विक मूल्यांकन रैंकिंग में भारत की कई कंपनियां फिसली, रिलायंस 3 पायदान नीचे आई
इस सूची में शामिल कंपनियों की संख्या के मामले में भारत नौवें स्थान पर है। सूची में अमेरिका की सबसे अधिक 243, चीन की 47 और जापान की 30 तथा ब्रिटेन की 24 कंपनियां शामिल है।
मुंबई: विश्व की शीर्ष 500 कंपनियों की वैश्विक सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में उभरी है, लेकिन वैश्विक सूची में इसकी रैंकिंग में तीन पायदान की गिरावट आई है। हुरुन ग्लोबल- 500 की सूची में भारत की कई कंपनियों जैसे कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफ़सी बैंक, एचडीएफ़सी और भारती एयरटेल की वैश्विक रैंकिंग में भी पिछले साल की तुलना में गिरावट देखी गई है। कुल मिलाकर इस ताजा सूची में भारत की 12 कंपनियां विश्व की शीर्ष 500 सबसे अधिक मूल्यवान कंपनियों में शामिल है, जबकि पिछले वर्ष इस सूची में भारत की 11 कंपनियां शामिल थी।
इस सूची में शामिल कंपनियों की संख्या के मामले में भारत नौवें स्थान पर है। सूची में अमेरिका की सबसे अधिक 243, चीन की 47 और जापान की 30 तथा ब्रिटेन की 24 कंपनियां शामिल है। अरबपति मुकेश अम्बानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 11 फीसदी बढ़कर 188 अरब डॉलर हो गया, लेकिन रैंकिंग तीन पायदान गिरकर 57 पर आ गई। इसके अलावा टीसीएस 164 अरब डॉलर मूल्यांकन के साथ एक स्थान फिसल कर दुनियां की 74वीं सबसे मूल्यवान कंपनी रही। वही एचडीएफ़सी बैंक 113 अरब डॉलर के साथ 19 स्थान लुढ़क कर 124वें जबकि उसकी मूल कंपनी एचडीएफ़सी अपने मूल्यांकन में एक प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद 52 स्थान नीचे आ कर 301वीं मूल्यवान कंपनी रही।
कोटक बैंक का मूल्यांकन आठ प्रतिशत घटकर 46.6 अरब डॉलर रहा, जिससे कंपनी 96 स्थानों की गिरावट के साथ ताजा सूची में 380वें स्थान पर पहुंच गई। वही दूसरी तरफ आईसीआईसीसी का मूल्यांकन 36 प्रतिशत बढ़कर 62 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जिससे सूची में उसकी वैश्विक रैंकिंग 48 स्थान चढ़कर 268वें स्थान पर पहुंच गई। शीर्ष 500 कंपनियों की सूची में तीन नयी भारतीय कंपनियां भी शामिल हुई। जिसमें विप्रो 457वें, एशियन पेंट्स 477वें और एचसीएल 498वें स्थान पर है।
हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, ‘‘सूची में शामिल कुल भारतीय कंपनियों में से दो-तिहाई कंपनियां सेवा और सॉफ्टवेयर क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। देश में स्टार्टअप क्रांति से भारत को हुरुन ग्लोबल 500 में अधिक कंपनियों का योगदान करने में मदद मिलेगी।’’ वहीं एप्पल दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी है। कंपनी का मूल्यांकन 15 प्रतिशत बढ़कर 2.4 खरब डॉलर हो गया है।
एप्पल, माइक्रोसाफ्ट, अमेजॉन और अल्फाबेट ‘चार बड़ी’ कंपनियों का मूल्यांकन कोविड-19 के बाद से दुगुना होकर 8,000 अरब डालर तक पहुंच गया। यह हुरुन ग्लोबल-500 कंपनियों के कुल मूल्य का 14 प्रतिशत है। इस सूची में दर्ज कंपनियों की संख्या के लिहाज से भारत नौवां देश रहा है। सबसे ज्यादा 243 कंपनियां इसमें अमेरिका की है और उसके बाद 47 कंपनियां चीन से हैं।