नई दिल्ली। मैनकाइंड फार्मा ने विश्व के सबसे बड़े दवा बाजार अमेरिका में अपनी पहुंच बनाने और वहां एक अग्रणी कंपनी बनाने की योजना बनाई है। इस रणनीति के तहत कंपनी अमेरिका के न्यूजर्सी में करीब 300 करोड़ रुपए के निवेश से एक मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने जा रही है। मैनकाइंड फार्मा ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि अमेरिका में शीर्ष तीन भारतीय फार्मा कंपनियों में मैनकाइंड को स्थापित करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर वहां यह निवेश किया जा रहा है। मैनकाइंड फार्मा के चेयरमैन व संस्थापक आरसी जुनेजा ने कहा कि हम विदेशी बाजारों में पांव पसार कर एक बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनी बनना चाहते हैं। साथ ही हमारा लक्ष्य भारत की शीर्ष तीन फार्मा कंपनियों में खुद को स्थापित करने का है। इसलिए अमेरिका में हमारे नए अनूठे उत्पाद हमें दूसरों से अलग रखेंगे।
मैनकाइंड ने 2030 तक अंतरराष्ट्रीय बाजार से 1000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी, जो कि भारत में अफोर्डेबल हेल्थकेयर पर अपना फोकस बढ़ा रही है, ने यही उत्पादन बिना क्वालिटी से समझौता किए अमेरिका में भी बेचने की योजना बनाई है। श्रीलंका, म्यामांर, कंबोडिया, केन्या, उगांडा, जांबिया और तनजानिया में मैनकाइंड फार्मा की उपस्थिति पहले से ही है। कंपनी ने कहा कि अमेरिका में नई उपस्थिति के साथ ही जेनेरिक दवाओं की रिसर्च और प्रोडक्शन पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
इसके अलावा कंपनी ने एशिया और अफ्रीका के विकसित बाजारो में भी अपनी दवाओं का निर्यात शुरू करने की योजना बनाई है। आगे बढ़ते हुए कंपनी ने अगले पांच सालों में रूस में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने की बात कही है। इसके अलावा, कंपनी ग्लोबल बिजनेस हासिल करने के लिए क्रोनिक सेगमेंट, न्यूट्रासियूटिकल्स और कॉस्मेटोलॉजी पर ध्यान देने के साथ ही नए बाजारों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। मैनकाइंड के पास एफएमसीजी ब्रांड और फार्मा से ओवर दि काउंटर प्रोडक्ट्स की विशाल रेंज है। इसके पास 12,000 कर्मचारी हैं।
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