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Hindi News पैसा बिज़नेस देश के लिये खपत से ज्यादा उत्पादित खाद्यान्न का प्रबंधन प्रमुख चुनौती: RBI

देश के लिये खपत से ज्यादा उत्पादित खाद्यान्न का प्रबंधन प्रमुख चुनौती: RBI

देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 2019-20 में रिकार्ड 29.665 करोड़ टन पहुंच गया। वहीं बागवानी उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर 32.05 करोड़ टन के स्तर पर रहा है। देश कई उत्पादों में दुनिया में अग्रणी बन गया है।

<p><span lang="EN-US" style="font-size: 14.0pt;...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE Managing food surplus key challenge for India says RBI 

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने कहा है कि देश अब ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जहां सरप्लस खाद्यान्न का प्रबंधन करना बड़ी चुनौती है। देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 2019-20 में रिकार्ड 29.665 करोड़ टन पहुंच गया। वहीं बागवानी उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर 32.05 करोड़ टन के स्तर पर रहा है। कृषि क्षेत्र में सकल मूल्यवर्धन में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी बागवानी क्षेत्र की है। भारत अब दूध, अनाज, दाल, सब्जी, फल, कपास, गन्ना, मछली, और पशुधन के मामले में अग्रणी उत्पादकों देशों में शामिल हो गया है। इसके परिणामस्वरूप 2019-20 में कृषि जीवीए में वृद्धि दर 4 प्रतिशत पर पहुंच गयी। कृषि क्षेत्र का आर्थिक वृद्धि में योगदान 2013-14 के बाद पहली बार औद्योगिक क्षेत्र से आगे निकल गया है।

आरबीआई ने मंगलवार को अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा, ‘‘देश अब ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां अतिरिक्त खाद्यान्न का प्रबंधन बड़ी चुनौती है, आने वाले समय में कृषि के पक्ष में व्यापार शर्तों में बदलाव इस गतिशील परिवर्तन को बनाये रखने और कृषि उत्पादन में सकारात्मक आपूर्ति प्रतिक्रियाओं को उत्पन्न करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।’’ इसमें कहा गया है कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद उत्पादन गतिविधियों की ओर बढ़ते हुए भारतीय कृषि रूपांतरण के दौर से गुजर रही है। रिपोर्ट के अनुसार इसीलिए प्राथमिकता वैसे तो नीतिगत रणनीति की ओर बढ़ने की है जो किसानों की आय में निरंतर वृद्धि के साथ ग्राहकों के लिये खाद्यान्न की कीमत यथोचित स्तर पर सुनिश्चित करे। इसके लिये एक कुशल आपूर्ति व्यवस्था महत्वपूर्ण है। आरबीआई ने कहा कि इसके अनुसार अब कृषि क्षेत्र में मुक्त व्यापार को सुगम बनाने के लिये जारी मुख्य सुधारों पर जोर होना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल में कृषि विपणन और ढांचागत क्षेत्र में जो सुधार किये गये हैं, उसके साथ अगर अनुकूल भरोसेमंद व्यापार नीति लागू की जाती है, उससे कृषि क्षेत्र में नये अवसर खुलेंगे। आरबीआई ने फसल विविधीकरण, अधिक पानी के उपयोग वाले फसलों पर कम जोर तथा खाद्य प्रसस्ंकरण पर जोर देने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कृषि निर्यात पर भी जोर दिया गया है।

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