किसानों के खातों में आएगा जल्द पैसा, उत्तराखंड सरकार ने चीनी मिलों को दिए 198.64 करोड़ रुपये
पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान करने के लिए सार्वजनिक और सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को 198.64 करोड़ रुपये दिए हैं। राज्य के गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को स्थिति से अवगत कराने के बाद यह राशि उपलब्ध कराई गई। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान करने के लिए बाजपुर, नदेही, किच्छा और डोईवाला की सार्वजनिक क्षेत्र की और सहकारी चीनी मिलों के बैंक खातों में 198.64 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। इस धन का उपयोग गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान करने में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में यह पहली बार है कि उत्तराखंड के गन्ना किसानों को पेराई सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद उनकी उपज का भुगतान प्राप्त होगा। मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से किसान मुश्किल में हैं। सरकार उनकी परेशानियों के प्रति संवेदनशील है। पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
पंजाब में 128.50 लाख टन गेहूं की खरीद
पंजाब के खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि राज्य ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद अब तक 128.50 लाख टन गेहूं की खरीद की है। उन्होंने बताया कि राज्य की मंडियों में कुल 130 लाख टन गेहूं आने की उम्मीद है। पिछले साल राज्य ने 127.10 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।
केंद्र से 25 राज्यों को ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 8,923 करोड़ रुपये का अनुदान
वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि उसने ग्रामीण स्थानीय निकायों में कोविड-19 महामारी की रोकथाम और पीड़ितों को राहत देने के उपायों के लिए 25 राज्यों को 8,923 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मंत्रालय के व्यय विभाग ने शनिवार को राज्यों को 8,923.8 करोड़ रुपये की राशि जारी की। इसे ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अनुदान की राशि तीनों स्तरों गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर इस्तेमाल की जाएगी। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक इस तरह के अनुदान की पहली किस्त राज्यों को जून 2021 में जारी की जानी थी। बहरहाल, कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए और पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिश के बाद वित्त मंत्रालय ने इस अनुदान को सामान्य समय से पहले जारी करने का फैसला किया।
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