मुंबई। एक सप्ताह तक चलने वाले मेक इन इंडिया वीक में कुल 15.2 लाख करोड़ रुपए मूल्य के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल हासिल हुए हैं। इस कार्यक्रम को आयोजित करने वाले महाराष्ट्र को अकेले 8 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल विभिन्न कंपनियों से प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा इस कार्यक्रम में 1.5 लाख करोड़ रुपए मूल्य की इन्वेस्टमेंट पूछताछ भी हासिल हुई है।
डीआईपीपी सेक्रेटरी अमिताभ कांत ने गुरुवार को बताया विभिन्न सेक्टर के लिए आयोजित मेक इन इंडिया वीक ने जबर्दस्त सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में 15.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव हासिल हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन पूरी दुनिया में निवेशकों के लिए एक अच्छा माहौल तैयार करेगा। कांत ने कहा कुल निवेश प्रस्तावों में से अकेले महाराष्ट्र को 8 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पूरे देश के लिए एक नया द्वार बन सकता है। कुल निवेश प्रस्ताव में से 30 फीसदी प्रस्ताव विदेशी कंपनियों से प्राप्त हुए हैं।
कांत ने कहा कि हम पहले ही दुनिया के लिए अपनी इकोनॉमी के सभी सेक्टर खोल चुके हैं। अब हम देश में मैन्युफैक्चरिंग के लिए अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं, बाहरी दुनिया से जुड़ रहे हैं और उनके साथ गठजोड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अकेले मैन्युफैक्चरिंग के लिए नहीं था, बल्कि ये इन्नोवेशन और इन्वेंटर्स के सरंक्षण के लिए भी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी को देश के पहले मेक इन इंडिया वीक का उद्घाटन सेंट्रल मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए ग्राउंड में किया था।मोदी सरकार ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी मौजूदा 16-17 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर देश में रोजगार बढ़ाना है। घरेलू इकोनॉमी में सर्विस सेक्टर का सबसे बड़ा योगदान है, जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी अकेले 60 फीसदी से ज्यादा है।
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