नयी दिल्ली। भारतीय महिलाओं की वित्तीय निर्णय लेने में हिस्सेदारी बढ़ रही है। एक सर्वेक्षण के अनुसार 68 प्रतिशत महिलाएं या तो अपने पैस का प्रबंधन खुद कर रही हैं या अपने परिवारों के वित्तीय निर्णय में बराबर की भागीदारी निभा रही हैं। ऑनलाइन वित्त सेवाएं उपलब्ध कराने वाली स्क्रिपबॉक्स के सर्वेक्षण के अनुसार केवल दस प्रतिशत महिलाएं ही वित्तीय निर्णय लेने की जिम्मेदारी अपने परिवार के किसी पुरुष सदस्य को सौंप देती हैं।
सर्वेक्षण में शामिल अधिकतर महिलाएं मासिक बचत के नियम को मानती हैं। केवल 30 प्रतिशत महिलाओं ने ही म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय विकल्पों में निवेश करने की बात कही। स्क्रिपबॉक्स देशभर में 600 से अधिक महिलाओं के बीच फरवरी 2020 में यह सर्वेक्षण किया। इसमें शामिल होने वाली महिलाओं में 70 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु की, 24 प्रतिशत 30 वर्ष से अधिक आयु और बाकी 50 वर्ष की आयु से अधिक की थीं।
सर्वेक्षण के अनुसार, '68 प्रतिशत महिलाओं ने स्वीकार किया कि वह अपने वित्तीय फैसले खुद लेती है या अपने परिवार के वित्तीय निर्णयों में बराबर की हिस्सेदारी रखती हैं।' सर्वेक्षण के अनुसार 47 प्रतिशत महिलाएं खुद को वित्तीय साक्षर बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों पर भरोसा करती हैं। साथ ही ऑनलाइन माध्यम से निजी वित्त प्रबंधन का परामर्श लेती हैं। करीब 80 प्रतिशत महिलाएं मासिक बचत में भरोसा करती हैं। जबकि 20 प्रतिशत से अधिक महिलाएं अपनी मासिक आय का करीब आधा तक बचा लेती हैं।
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