मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में प्लास्टिक थैलियों का उपयोग कम करने या बंद करने के उद्देश्य से एक अनूठा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने खाली दूध की थैली विक्रेता को वापस करना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए ग्राहकों को प्रति थैली 50 पैसे दूध विक्रेता के पास जमानत के तौर पर जमा कराने होंगे। खाली थैली लौटाने पर यह जमानत राशि वापस कर दी जाएगी। महाराष्ट्र में प्रतिदिन 1 करोड़ दूध की थैलियां यानि लगभग 31 टन प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है। प्लास्टिक पर रोक लगाने के मकसद से राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।
पिछले हफ्ते पर्यावरण मंत्रालय ने दूध उत्पादकों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ बैठक की थी, जहां दूध उत्पादकों ने दूध की प्लास्टिक थैलियों को रिसाइकिल करने के लिए सहमति जताई थी। इसके अलावा, उन्होंने उपभोक्ताओं से प्रत्येक प्लास्टिक थैली के लिए अतिरिक्त 50 पैसा डिपॉजिट के तौर पर जमा कराने की भी सलाह दी थी।
पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपभोक्ता दूध का उपयोग करने के बाद खाली थैली विक्रेता को वापस कर अपनी डिपॉजिट मनी वापस ले सकता है। इस कदम से सड़कों पर प्लास्टिक की मात्रा में कमी लाने में मदद मिलेगी।
पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि सरकार ने दूध उत्पादकों को अपने परिसर में रिसाइक्लिंग प्लांट शुरू करने की भी अनुमति दी है। एक बार यह काम शुरू हो जाने पर हमें सड़कों पर प्लास्टिक के खाली बैग नजर नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक मुक्त समाज बनाने के लिए राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से और कदम उठाएगी।
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