नई दिल्ली। नेस्ले इंडिया ने पिछले सप्ताह अपने इंस्टेंट नूडल्स ब्रांड मैगी को 9 नवंबर को बाजार में फिर से उतारने के बाद से अब तक 350 शहरों में इसके 3.3 करोड़ पैकेट बेचे हैं। करीब पांच माह पहले खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने मैगी पर प्रतिबंध लगाया था। विश्लेषकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में कंपनी ने कहा कि वह 724 वितरकों के जरिये 1.2 लाख आउटलेट्स में मैगी की बिक्री कर रही है। मैगी पर प्रतिबंध के वित्तीय प्रभाव के बारे में नेस्ले इंडिया ने कहा कि उसे 476.2 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है, इसमें 34,663 टन नूडल्स को नष्ट करने की लागत भी शामिल है।
मैगी के खिलाफ 640 करोड़ रुपए का दावा जारी रखेगी सरकार
सरकार नेस्ले इंडिया के खिलाफ एनसीडीआरसी में दायर 640 करोड़ रुपए के मुकदमे को जारी रखेगी, भले ही बंबई उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने के बाद कंपनी का इंस्टेंट नूडल्स मैगी बाजार में वापस आ गया है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अगस्त में नेस्ले इंडिया के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें कथित अनुचित व्यापार व्यवहार, झूठी लेबलिंग और भ्रामक विज्ञापनों के लिए कंपनी से मुआवजे की मांग की गई थी।
सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने उत्तर प्रदेश में जब्त किए गए स्टॉक से मैगी के 100 नमूने जांच के लिए वापस लेने का आदेश दिया था। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। पहली बार किसी कंपनी को एनसीडीआरसी में घसीटा गया है, जिसमें इस तीन दशक पुराने उपभोक्ता सुरक्षा कानून के प्रावधान को इस्तेमाल में लाया गया है।
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