मदुई। मद्रास हाईकोर्ट ने सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी कोका कोला और पेप्सी को बड़ी रहत दी है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक कंपनी तिरुनेलवेली जिले में स्थित अपनी बॉटलिंग प्लांट में थामिराबरानी नदी का पानी इस्तेमाल कर सकेंगी। न्यायमूर्ति ए सेल्वम और पी कलईरसन की पीठ ने डीए प्रभाकर और अप्पाओ की जनहित याचिका को खारिज करते हुए पाने के इस्तेमाल पर लगाई रोक को हटा लिया है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश पिछले साल नवंबर में दिया था।
डीए प्रभाकर ने याचिका में कहा था कि पेप्सी और कोक वाणिज्यिक लाभ के लिए नदी का पानी इस्तेमाल करती हैं, जबकि इस वजह से हजारों किसानों को नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर कंपनियों ने दावा किया था कि तिरुनेलवेली जिले में वे सिर्फ वही पानी इस्तेमाल करती हैं, जो अतिरिक्त होता है।
जानिए क्या है पूरा मामला
- याचिकाकर्ता डीए प्रभाकर ने कोर्ट में कहा था कि नदी से दो जिलों में पेयजल तथा सिंचाई के पानी की आपूर्ति होती है।
- उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में तमिलनाडु सरकार ने कोका कोला से जुड़ी कंपनियों को प्रतिदिन नौ लाख लिटर पानी नदी से निकालने की अनुमति दी थी।
- बाद में उसे दोगुना कर दिया गया था।
- याचिका के अनुसार, कंपनियों से प्रति एक हजार लिटर पानी के लिए सिर्फ 37.50 रुपए की कीमत वसूली जा रही है।
- वर्ष 2015 में कंपनियों द्वारा नदी के पानी का प्रयोग किए जाने के विरुद्ध हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में कई लोग घायल हुए थे।
- कोक और पेप्सी ने आरोप लगाया था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
- कंपनियों के अनुसार, उनके प्लांट सरकारी इंडस्ट्रियल एस्टेट का हिस्सा हैं, और नदी के पानी की आपूर्ति वहां सभी उद्योगों को की जा रही है।
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