भोपाल। बिजली की किल्लत को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार नई तरह की योजना बना रही है। राज्य के रीवा और सतना जिले की नगरपालिका और नगर पंचायतों से निकलने वाले कचरे से बिजली बनाने की योजना है। इस योजना के माध्यम से जहां एक तरफ कचरे से बिजली बनाई जाएगी, वहीं दूसरी ओर उसी कचरे से जैविक खाद भी बनाई जाएगी।
राज्य के ऊर्जा तथा जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रविवार को संयंत्र लगने वाले स्थल का निरीक्षण किया। संयंत्र की स्थापना के लिए सतना जिले के रामपुर बघेलान में 50 एकड़ अनुपयोगी बंजर जमीन का चयन किया गया। शुक्ल ने कहा, “प्रदेश को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कड़ी में यह संयंत्र उपयोगी होगा। संयंत्र के लिए चयनित भूमि में रीवा तथा सतना से कचरा लाया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “संयंत्र से कचरे से बिजली उत्पादन के साथ ही जैविक खाद का निर्माण भी होगा और स्थानीय निकायों के स्वच्छता अभियान को भी सफलता मिलेगी।” ऊर्जा मंत्री शुक्ल ने बताया कि कई स्थानों का कचरा बिजली उत्पादन के लिए संकलित कर क्लस्टर आधारित योजना के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाई जा रही है।
मध्य प्रदेश में लगातार बिजली की खपत बढ़ रही है। 12-13 अक्टूबर को बिजली की मांग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। राज्य प्रदेश में 13 अक्टूबर को 20 करोड़ 94 लाख यूनिट और 12 अक्टूबर को 20 करोड़ 52 लाख यूनिट बिजली सप्लाई की गई। एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि त्योहारों और कम बारिश से इस बार रबी सीजन की सिंचाई शूरु हो गई है। इसके कारण बिजली की मांग बढ़ सकती है।
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