टीबी के इलाज के लिये ल्यूपिन का करार, बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों पर जोर
ल्यूपिन लगभग 140 देशों और क्षेत्रों में दवा का व्यावसायीकरण करना चाहती है, जिसमें टीबी से सबसे ज्यादा पीड़ित देश शामिल हैं।
नई दिल्ली। दवा निर्माता ल्यूपिन ने सोमवार को कहा कि गैर-लाभकारी दवा संगठन टीबी एलायंस ने उसे तीन दवाओं वाली बीपीएएल (बेडाक्यूलिन, प्रेटोमैनिड और लिनेजोलिड) व्यवस्था के तहत टीबी रोधी दवा प्रेटोमैनिड के उत्पादन के लिए एक गैर-विशेष लाइसेंस प्रदान किया है। मुंबई की कंपनी ने कहा कि वह लगभग 140 देशों और क्षेत्रों में दवा का व्यावसायीकरण करना चाहती है, जिसमें टीबी से सबसे ज्यादा पीड़ित देश शामिल हैं। ल्यूपिन के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता ने एक बयान में कहा, "दुनिया में टीबी-रोधी दवाओं के अग्रणी निर्माताओं में शामिल ल्यूपिन उन देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पहुंच बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। टीबी एलायंस के साथ इस सहयोग से बेहतर वैश्विक स्वास्थ्य में योगदान देने की हमारी ताकत और विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।" टीबी एलायंस के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेल स्पिगलमैन ने कहा कि ल्यूपिन के साथ साझेदारी से किफायती मूल्य के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार को बढ़ावा देते हुए एक नयी दवा व्यवस्था की ओर व्यापक पहुंच प्रदान करने में मदद मिलेगी।
वहीं दूसरी तरफ घरेलू दवा कंपनी जायडस कैडिला ने सोमवार को कहा कि उसे मधुमेह की दवा सिटाग्लिप्टिन की मार्केटिंग के लिए अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक से मंजूरी मिल गयी है। जायडस कैडिला ने कहा कि उसकी सब्सिडियरी को सिटाग्लिप्टिन के 25, 50 और 100 मिलीग्राम टैबलेट के लिए अपने नए दवा आवेदन की खातिर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (यूएसएफडीए) से अस्थायी मंजूरी मिली है। कंपनी ने 31 अक्टूबर, 2020 को अमेरिकी नियामक के पास नयी दवा के लिए आवदेन (एनडीए) दिया था, जिसमें यह मंजूरी मांगी गयी थी। जाइडस कैडिला ने कहा कि दो सितंबर, 2021 को समीक्षा का पहला चक्र पूरा होने पर आवेदन को अस्थायी रूप से मंजूरी दे दी गयी।
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