नई दिल्ली। दवा कंपनी ल्यूपिन ने बताया कि 30 जून, 2021 को समाप्त तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ पांच गुना की वृद्धि के साथ 542.46 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के अप्रैल-जून 2021 तिमाही में शुद्ध लाभ में यह उछाल एमईके इन्हिबिटर कंपाउंड कार्यक्रम संबंधी सहयोग के लिए बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी बोहरिंगर इंगेलहेम से हासिल हुई मजबूत बिक्री और आय की वजह से आयी। गौरतलब है कि ल्यूपिन ने कैंसर के इलाज की खातिर एमईके कार्यक्रम के लिए बोहरिंगर इंगेलहेम के साथ सहयोग किया है।
ल्यूपिन ने मंगलवार देर रात दी गयी एक नियमाकीय सूचना में कहा कि उसने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 106.90 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। इस तिमाही में कंपनी का परिचालन से हासिल होने वाला एकीकृत राजस्व 4,237.39 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह 3,468.63 करोड़ रुपये था। ल्यूपिन के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता ने कहा, " परिचालन के मुश्किल माहौल के बावजूद तिमाही का लाभ बोहरिंगर इंगेलहेम एमईके कार्यक्रम की आय से बेहतर हुआ, हमें आगे वृद्धि की पूरी संभावना दिख रही है।"
IFCI का घाटा बढ़ा
बुनियादी ढांचा क्षेत्र को कर्ज देने वाले आईएफसीआई ने जानकारी दी है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में उसका घाटा बढ़कर 717.78 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की समान तिमाही में कंपनी को एकल आधार पर 296.42 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। आईएफसीआई ने शेयर बाजार को बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी कुल आय घटकर 225.63 करोड़ रुपये रह गई, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 479.38 करोड़ रुपये थी। जून 2021 को समाप्त तिमाही में आईएफसीआई का कुल खर्च बढ़कर 1,131.49 करोड़ रुपये हो गया।
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