नयी दिल्ली। दवा कंपनी ल्यूपिन को 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में कुछ विशेष अप्रत्याशित खर्चों के प्रावधान की वजह से 123.44 करोड़ रुपए का समेकित शुद्ध घाटा उठाना पड़ा है। इस दौरान उसे अमेरिका में एक मुकदमे के समाधान के लिए एकमुश्त भुगतान का प्रावधान करना पड़ा। इसी तरह जापान में 'इंजेक्टेबल' उत्पाद के कारोबार को बेचने में नुकसान उठाना पड़ा।
मुंबई स्थित इस कंपनी ने वर्ष 2018-19 की जुलाई-सितंबर की अवधि में 288.45 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। ल्युपिन लिमिटेड ने बुधवार को शेयर बाजारों को सूचना में कहा कि दूसरी तिमाही में परिचालन से होने वाली कुल आय 4,359.65 करोड़ रुपए हो गयी जो साल भर पहले की समान अवधि में 3,951.06 करोड़ रुपए थी।
कंपनी ने कहा कि वह अमेरिका में मुकदमे के निपटान के रूप में 450.06 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए सहमत हो गई है और उसी के अनुसार, उसने समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 379.18 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, कंपनी ने समीक्षाधीन अवधि में क्योवा क्रिटिकेयर कंपनी (केसीसी) में अपनी हिस्सेदारी बेचने काम पूरा किया। इस सौदे में उसे 167.3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ ।
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