नई दिल्ली। दवा बनाने वाली कंपनी ल्यूपिन की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) शाखा ल्यूपिन फाउंडेशन तीन जिलों को 2022 तक गरीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लेगी। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का एक-एक जिला शामिल है।
ल्यूपिन वेलफेयर एंड रिसर्च फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सीताराम गुप्ता ने संवाददाताओं से यहां कहा कि हम जिला विकास कार्यक्रम के तहत राजस्थान के धौलपुर, महाराष्ट्र के नंदुरबार और मध्य प्रदेश के विदिशा को 2022 तक गरीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लेंगे।
उन्होंने कहा कि इन जिलों की पहचान नीति आयोग द्वारा पिछड़े जिलों के रूपांतरण के लिए की गई है और इनके विकास का जिम्मा ल्यूपिन फाउंडेशन को दिया गया है।
इन जिलों में निवेश को लेकर पूछने पर गुप्ता ने कहा कि कंपनी नियामकीय जरूरतों से अधिक निवेश कर सकती है और अगर अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता हुई तो नाबार्ड से पूंजी जुटाएगी।
ल्युपिन फाउंडेशन ने दावा किया है कि वह पहले ही भरतपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र को गरीबी मुक्त बना चुकी है। यहां 20,000 लोगों को रोजगार प्रशिक्षण दिया जा चुका है और अन्य 30,000 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भरतपुर के 7,000 युवाओं को प्रशिक्षण के बाद कारीबर का काम मिल चुका है और वे स्वच्छ भारत योजना के तहत शौचालयों का निर्माण करने में योगदान दे रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि अब हम भरतपुर के शहरी क्षेत्र को गरीबी मुक्त बनाने जा रहे हैं।
ल्यूपिन फाउंडेशन ने भरतपुर में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 8,000 परिवारों की पहचान की है। इन्हें अब कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें रोजगार के लायक बनाया जाएगा। सरकार के ट्रांसफोर्मेशन ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक प्रोग्राम के तहत ल्यूपिन फाउंडेशन 6 पैरामीटर पर काम कर रही है, इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण बुनियादी ढांचा, कौशल विकास आदि शामिल हैं।
Latest Business News