LTCG से छोटे निवेशकों को नहीं होगा नुकसान, अमीरों से टैक्स लेकर गरीब और किसानों पर खर्च करेगी सरकार
शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश पर 10 प्रतिशत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (दीर्घावधि पूंजी लाभ कर) लगाने से छोटे निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होगा।
नई दिल्ली। शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश पर 10 प्रतिशत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (दीर्घावधि पूंजी लाभ कर) लगाने से छोटे निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होगा। इसका असर केवल अमीरों और बड़े निवेशकों पर पड़ेगा। यह बात आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इंडिया टीवी के लोकप्रिय कार्यक्रम आपकी अदालत में एडिटर नइ चीफ रजत शर्मा के एक सवाल का जवाब देते हुए कही।
आपकी अदालत में सवाल पूछा गया था कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की घोषणा के बाद बाजार करीब 840 अंक टूट गया। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह पहले से ही अनुमानित था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कठोर निर्णय सोच समझकर लिया है और ये उनका सामर्थ्य है कि सालों से लंबित इस मुद्दें पर उन्होंने निर्णायक कदम उठाया।
वित्त मंत्री ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस नए टैक्स से छोटे और खुदरा निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि अभी शेयर खरीदने और उसे एक साल के भीतर बेचने पर 15 प्रतिशत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एसटीसीजी) लगता है। लेकिन एक साल के बाद शेयर बेचने पर कोई टैक्स नहीं था। ऐसे में जो फायदा हो रहा था वो विदेशी संस्थागत निवेशकों, बड़े घरेलू निवेशकों और उद्योगपतियों को हो रहा था। वह बिना कोई टैक्स दिए भारी मुनाफा कमा रहे थे।
वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले साल शेयर बाजार से बड़े निवेशकों ने 3.67 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया और इस पर सरकार को कोई टैक्स नहीं मिला। वित्त मंत्री ने कहा कि यदि 3.67 लाख करोड़ रुपए का 10 प्रतिशत सरकार टैक्स के रूप में हासिल करती है तो इससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपए वार्षिक स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने वाली दोनों योजनाओं के लिए आवश्यक धन उपलब्ध होगा।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से छोटे निवेशकों को बचाने के लिए सरकार ने यह प्रावधान किया है कि शेयर बिक्री से होने वाले एक लाख रुपए तक के लाभ को इसके दायरे से बाहर रखा गया है, यानि के एक लाख रुपए तक के लाभ पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।