नई दिल्ली। भारत में रसोई गैस के दामों में मौजूदा उछाल को अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारकों से जोड़ते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि ठंड के मौसम के दौरान वैश्विक मांग में इजाफे के चलते देश में भी इस घरेलू ईंधन की कीमतें बढ़ी हैं। उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में देश में रसोई गैस के दाम कम हो जाएंगे। रसोई गैस की बढ़ती महंगाई के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने संवाददाताओं से कहा, "देश में रसोई गैस के दाम लगातार नहीं बढ़ रहे हैं। हालांकि, मैं स्वीकार करता हूं कि इस महीने रसोई गैस की कीमतें बढ़ी हैं।" उन्होंने कहा, "दुनिया भर में ठंड के मौसम के दौरान एलपीजी (रसोई गैस) की खपत बढ़ जाती है। समय-समय पर एलपीजी की मांग बढ़ने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके दामों में इजाफा हो जाता है। नतीजतन महंगे दामों पर आयात के चलते भारत में भी ग्राहकों के लिए इसके दामों वृद्धि करनी पड़ती है।"
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, "आने वाले दिनों में देश में एलपीजी की कीमतें फिर घट जाएंगी।" प्रधान, केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा के आयोजित संभागीय किसान सम्मेलन में हिस्सा लेने इंदौर आए थे। उन्होंने सम्मेलन में यह भी बताया कि तेल विपणन कम्पनियां मध्यप्रदेश में हर साल 65,000 करोड़ रुपये का पेट्रोल-डीजल बेचती हैं। प्रधान ने बताया, "आयातित पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता घटाने के लिए हमने अगले 10 साल के दौरान राज्य में पराली और अन्य कृषि अपशिष्टों के साथ ही शहरी घरों से निकलने वाले कचरे से करीब 10,000 करोड़ रुपये के ईंधन बनाने का लक्ष्य तय किया है।"
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने के बाद रसोई गैस सिलेंडर के दाम में इस महीने दो बार बढ़ोतरी हो चुकी है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम उत्पाद विपणन कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 644 रुपये से बढ़कर 694 रुपये कर दी गई है। इस सिलेंडर की कीमतों में इस महीने यह दूसरी बढ़ोतरी है। इससे पहले एक दिसंबर को भी इसकी कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। इससे पहले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत जुलाई से 594 रुपये प्रति सिलेंडर पर स्थिर थी। यह दर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के समान थी। इसके बाद बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत तेजी से बढ़ी है। इसका अर्थ है कि सरकार को अब उपभोक्ताओं को सब्सिडी देनी होगी। रसोई गैस की कीमत की समीक्षा प्रत्येक 15 दिन में की जाती है।
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