नई दिल्ली। सरकार ने अनलिस्टिड कंपनियों विशेषकर स्टार्टअप्स में किए गए निवेश पर लांगटर्म कैपिटल गेन पर टैक्स कम करने का शनिवार को संकेत दिया है। यह कदम आगामी बजट में उठाया जा सकता है। यह सुविधा मिलने से स्टार्टअप कंपनियां भी कैपिटल गेन पर टैक्स के मामले में लिस्टिड कंपनियों के बराबर आ जाएंगी। स्टार्टअप इंडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि एक अनलिस्टिड कंपनी में तीन वर्ष के निवेश पर 20 फीसदी लांगटर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है, लेकिन एक लिस्टिड फर्म के इक्विटी शेयरों को एक साल तक रखने पर इस तरह का कोई टैक्स नहीं लगता। उन्होंने कहा, यह अंतर अब जरूरत से ज्यादा लगता है। मैं आपको यह आश्वासन दे सकता हूं कि बजट के समय इस अंतर को पाट दिया जाएगा।
अधिया ने कहा कि स्टार्टअप के वातावरण को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ सर्विस टैक्स नियमों को युक्तिसंगत बनाने जैसे अन्य टैक्स प्रोत्साहनों की घोषणा भी 29 फरवरी को पेश होने वाले बजट में किए जाने की संभावना है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने इसी सम्मेलन में कहा कि वित्त मंत्रालय ने फेमा के तहत ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने को लेकर रिजर्व बैंक के साथ विस्तृत चर्चा की है। दास ने कहा, आप इस मोर्चे पर बहुत त्वरित कार्रवाई देखेंगे, जिसमें रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करने में सहूलियत होगी। इस मौके पर सेबी के सदस्य प्रशांत शरण ने कहा कि बाजार नियामक स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए काफी सक्रिय रहा है। सुझावों के साथ नियामक से संपर्क करने के लिए स्टार्टअप का स्वागत है और हमारा एक भी नियमन ऐसा नहीं जो पत्थर की लकीर हो।
स्टार्टअप के लिए नियमन में सुधार के बारे में कंपनी मामलों के सचिव तपन रे ने कहा कि पंजीकरण में कुशलता बहुत महत्वपूर्ण है और अगले कुछ महीनों में एक कंपनी का पंजीकरण कराने में केवल 24 घंटे लगेंगे। इस समय कुछ शिकायतें है कि कंपनियों के पंजीकरण में लंबा समय लगता है, इसलिए हम नियमों को बदलने खासकर स्टार्टअप्स के गैर-जरूरी नियमों को समाप्त करने के लिए एक कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं।
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