कोरोना, अम्फान के बाद अब टिड्डियों का कहर, 2 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें पर खतरा
टिड्डियों के हमले का सबसे ज्यादा असर राजस्थान में
नई दिल्ली। देश के पूवी तटों पर अम्फान के टकराने के बाद अब देश के पश्चिमी हिस्सों पर एक नए तरह का संकट खड़ा हो रहा है। पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान के रास्ते देश के कई राज्यों में टिड्डी दलों का हमला हुआ है। मंत्रालय के मुताबिक राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में टिड्डी दलों का असर देखने को मिल रहा है। सरकार के मुताबिक टिड्डी दलों के हमलें में कपास और सब्जियों के उत्पादन पर गंभीर असर देखने को मिल सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक टिड्डी दल के हमले में करीब 2 लाख हेक्टेयर पर खड़ी फसल पर असर पड़ सकता है। राज्यों ने इस मामलें में केंद्र से तुरंत राहत की मांग की है। टिड्डियों की वजह से सबसे ज्यादा असर राजस्थान में देखने को मिला है। जहां 33 में से 16 जिलों में इनका प्रकोप देखने को मिल रहा है। राजस्थान सरकार ने केंद्र से कीटनाशक, ड्रोन, हेलीकॉप्टर और उपकरण की मांग की है।
कृषि मंत्रालय के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि फिलहाल प्रभावित क्षेत्रों में कपास की फसल तैयार हो रही है। एक बाऱ खरीफ की फसल की बुवाई शुरू हुई तो जोखिम और बढ़ जाएगा। अधिकारी के मुताबिक आम तौर पर भारत में टिड्डी दलों का आना मई जून में होता है लेकिन इस बार अप्रैल की शुरूआत से टिड्डी दलों का आना शुरू हो गया है।
कोरोना महामारी की वजह अभी तक टिड्डी दलों के हमले खास सुर्खियां नहीं बटोर रहे है। हालांकि पर्यावरण से जुड़े लोग लागातार चेतावनी दे रहे हैं कि इस बार टिड्डी दलों का आकांर रिकॉर्ड स्तर पर है इससे दुनिया की एक बड़ी आबादी भुखमरी का शिकार हो सकती है। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि इस साल टिड्डी दलों का तादाद पिछले साल के मुकाबले 2 से 3 गुना हो सकती है। इससे अफ्रीकी देशों में लाखों लोग भुखमरी का शिकार हो सकते हैं, वहीं कई देशों में खाद्यान्न उत्पादन पर असर पड़ सकता है। वर्ल्ड बैंक ने टिड्डियों से निपटने के लिए 50 करोड़ डॉलर की सहायता को मंजूरी दी है।