नई दिल्ली। देश में लोन की मांग चालू वित्त वर्ष 2017-18 में 15 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह वृद्धि 9.1 प्रतिशत रही है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के झाटकों से अर्थव्यवस्था अब पूरी तरह से उबर चुकी है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में लोन की वृद्धि ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है। अब यह इससे बाहर निकलेगी। बोफाएमएल ने नोट में कहा कि हमारे तरलता मॉडल के अनुसार चालू वित्त वर्ष में लोन की वृद्धि बढ़कर 15 प्रतिशत हो जाएगी, जो 2016-17 में 9.1 प्रतिशत रही है।
नोटबंदी के झाटके से अर्थव्यवस्था बाहर आ चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक के मुक्त बाजार परिचालन (ओएमओ) से लोन की आपूर्ति बढ़ेगी और बैंकों की ब्याज दर नीचे आएगी। इससे लोन की मांग बढ़ेगी।
बोफाएमएल ने कहा, रिजर्व बैंक के एक रुपए के ओएमओ से चार रुपए की लोन आपूर्ति बढ़ती है। इसके अलावा नोटबंदी से बैंकों को 4,000 अरब रुपए की अस्थायी तरलता मिली है। इससे भी लोन की मांग बढ़ेगी।
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