नई दिल्ली। सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का हस्तांतरण पांच दिसंबर से अनिवार्य रूप से डीमैट फॉर्म में ही होना चाहिये। बाजार नियामक सेबी ने यह बात कही। सेबी ने अपनी हालिया अधिसूचना में शेयर ट्रासंफर एजेंट से जुड़े सूचीबद्धता दायित्व और डिसक्लोजर्स आवश्यकताओं (LODR) के नियमों में फेरबदल की घोषणा की।
LODR विनियमों के मुताबिक, वर्तमान में किसी भी सूचीबद्ध कंपनी को यह सुनिश्चित करना होता है कि भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक शेयर हस्तांतरण सुविधा से जुड़ी सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड अपने स्तर पर या फिर रजिस्ट्रार के पास रखना होता है और सेबी में पंजीकृत शेयर ट्रांसपर एजेंट के साथ साझा करना होता है। अधिसूचना के अनुसार, एलओडीआर नियमों से " भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक " शब्दों दोनों को हटा दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा, प्रतिभूतियों के हस्तातंरण या पारेषण या रूपांतरण से जुड़े नियमों में भी बदलाव होगा। संसोधन के बाद, पारेषण या रूपांतरण के मामले को छोड़कर प्रतिभूतियों के हस्तांतरण के लिए आवेदन को तब तक प्रसंस्कृत नहीं किया जाएगा जब तक कि वे डीमैट के रूप में ना हो। सेबी ने कहा कि नये नियम पांच दिसंबर से प्रभावी होंगे।
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