नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सरकार को लाभांश के रूप में 2,207 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। पिछले साल के मुकाबले यह राशि 15.8 प्रतिशत अधिक है।
एलआईसी ने अपने बयान में कहा कि 95 प्रतिशत अधिशेष राशि पॉलिसी धारकों को बोनस के रूप में वितरित करने के बाद शेष 5 प्रतिशत का भुगतान सरकार को उसके हिस्से के रूप में किया गया। जिसका मूल्य 2,206.70 करोड़ रुपए है। एलआईसी के चेयरमैन वीके शर्मा ने 31 मार्च 2017 तक के मूल्यांकन से उत्पन्न अधिशेष में सरकार के हिस्से के रूप में वित्त मंत्री अरुण जेटली को अधिशेष राशि का चेक भेंट किया।
मार्च में समाप्त आलोच्य वर्ष के लिए कंपनी का कुल अधिशेष 44,134 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले के मुकाबले यह 16.14 प्रतिशत अधिक रहा। इससे पिछले साल यह राशि 38,000 करोड़ रुपए रही थी। बीमा कंपनी 25.72 लाख करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन करती है और साल 2016-17 में उसकी सालाना आय 4.92 लाख करोड़ रुपए है।
एसजेवीएन ने 1,137.57 करोड़ रुपए के लाभांश की घोषणा की
सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कुल 1,137.57 करोड़ रुपए के लाभांश की घोषणा की है। कंपनी ने उसमें केंद्र सरकार की 64.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 733.32 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
कुल 733.32 करोड़ रुपए के लाभांश में से 599.99 करोड़ रुपए पहले ही अंतरिम लाभांश के रूप में केंद्र सरकार को दिए जा चुके हैं। अंतिम लाभांश के तौर पर 133.33 करोड़ रुपए की राशि का चेक कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर एन मिश्रा ने केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह को भेंट किया। पिछले साल कंपनी ने कुल 455.03 करोड़ रुपए का लाभांश दिया था।
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