Budget 2021: LIC का आएगा IPO, अगले साल कई सरकारी कंपनियों का होगा विनिवेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की घोषणा की है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की घोषणा की है। इसके लिए सरकार एलआईसी का आईपीओ लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि अगले साल कई कंपनियों का विनिवेश होगा। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने अपना विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख रुपये तय किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉर्प, कंटेनर कॉर्प सहित अन्य विनिवेश योजनाओं को 2021-22 में पूरा किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बैड लोन के लिए असेट मैनेजमेंट कंपनी बनेगी। उज्जवला योजना में 1 करोड़ नए कनेक्शन दिए जाएंगे। 2 सरकारी कंपनी, 1 बीमा कंपनी का विनिवेश होगा। एलआईसी का आईपीओ आएगा, शेयर बाजार में होगी लिस्ट। 100 नए शहरों में रसाई गैस पाइप के जरिये पहुंचाई जाएगी। बीमा कंपनियों में अब 74 फीसदी तक निजी, विदेशी निवेश, पहले 49 फीसदी था। सरकारी बैंकों को 20000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। निवेशकों के संरक्षण के लिए इन्वेस्टमेंट चार्टर लागू होगा
पिछले साल का लक्ष्य चूका
सरकार ने केंद्रीय उपक्रमों में विनिवेश और शेयरों की पुनर्खरीद के जरिये चालू वित्त वर्ष में अब तक 19,499 करोड़ रुपये जुटाये हैं। हालांकि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश और पुनर्खरीद से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। कोरोना वायरस महमारी के चलते विनिवेश की कई बड़ी योजनाएं तथा शेयर बाजारों में सूचीबद्धता टल गयी। इससे लगता है कि सरकार चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के लक्ष्य से काफी अंतर से चूकने वाली है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में निजीकरण, राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री और सीपीएसई द्वारा शेयर पुनर्खरीद से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। इनमें से सीपीएसई में हिस्सेदारी बिक्री से 1.20 लाख करोड़ रुपये आने थे, वहीं वित्तीय संस्थानों में शेयर बिक्री से 90,000 करोड़ रुपये की आय होनी थी।
चालू वित्त वर्ष में चार सीपीएसई ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत डायनेमिक्स, आईआरसीटीसी और सेल की बिक्री पेशकश (ओएफएस) आई है। इससे सरकारी खजाने को 12,907 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा, आईआरएफसी और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से 1,984 करोड़ रुपये आये हैं। एसयूयूटीआई और अन्य लेनदेन के माध्यम से निजी कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से लगभग 1,837 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक चार सरकारी कंपनियों ‘राइट्स, एनटीपीसी, केआईओसीएल और एनएमडीसी’ ने शेयर पुनर्खरीद को पूरा किया है, जिससे सरकारी खजाने को 2,769 करोड़ रुपये मिले हैं। सरकार टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड (टीसीएल) में अपनी पूरी 26.12 प्रतिशत हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष में ओएफएस और रणनीतिक बिक्री मार्ग के माध्यम से बेचना चाहती है। एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, बीईएमएल, शिपिंग कॉर्प, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड और फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।
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