विशाखापट्नम। विशाखापट्नम में एक रासायनिक संयंत्र से गुरुवार को जहरीली गैस के रिसाव ने देश को एक बार फिर भोपाल गैस कांड की याद दिला दी। आइए जानते हैं उस कंपनी के बारे में जहां से गैस का रिसाव हुआ। इस कंपनी की स्थापना भारत के विशाखापट्नम में 1961 में हिंदुस्तान पॉलीमर्स के नाम से हुई थी और यहां पॉलीस्ट्रीन और इसके सहयोगी-पॉलीमर्स का उत्पादन किया जाता है।
1978 में इसका विलय मैकडॉवेल एंड कंपनी लिमिटेड के साथ हो गया, जो यूबी ग्रुप की एक कंपनी है। दक्षिण कोरिया की एलजी केमीकल भारत को एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में देख रही थी और इसने अपने अक्रामक वैश्विक विस्तार योजना के तहत भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए हिंदुस्तान पॉलीमर्स की पहचान एक उपयुक्त कंपनी के तौर पर की।
एलजी केमीकल ने 1997 में इसका 100 प्रतिशत अधिग्रहण कर लिया और हिंदुस्तान पॉलीमर्स का नाम बदलकर एलजी पॉलीमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एलजीपीआई) कर दिया गया। दक्षिण कोरिया में एलजी केमीकल की स्टाइलेरिक्स कारोबार में बहुत मजबूत उपस्थिति है और कंपनी की योजना अपने मौजूदा पीएस और ईपीएस उत्पादों के जरिये भारतीय बाजार में समान मजबूत उपस्थिति स्थापित करने की है। वर्तमान में, भारत में एलजीपीआई पॉलीस्ट्रीन और एक्सपैंडेबल पॉलीस्ट्रीन की अग्रणी विनिर्माता है।
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