किंगफिशर विला की नीलामी कल, आरक्षित मूल्य 85.3 करोड़ रुपए
भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 17 बैंकों का गठजोड़ कल किंगफिशर विला की नीलामी करेगा। गोवा में समुद्र किनारे बने इस विला का स्वामित्व विजय माल्या के पास था।
मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 17 बैंकों का गठजोड़ कल किंगफिशर विला की नीलामी करेगा। गोवा में समुद्र के पास स्थित इस पॉश विला का स्वामित्व कभी संकट में फंसे उद्योगपति विजय माल्या के पास था।
- माल्या इस विला में कभी खर्चीली पार्टियां दिया करते थे।
- इसके लिए आरक्षित मूल्य 85.29 करोड़ रुपए रखा गया है।
- यूनाइटेड स्प्रिट्स के साथ लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इस साल मई में विला का कब्जा बैंकों को मिला था।
- बैंकों ने इच्छुक बोलीदाताओं के लिए विला के निरीक्षण के लिए 26-27 सितंबर तथा 5-6 अक्टूबर की तारीख रखी थी।
- इन चार दिनों में करीब आधा दर्जन इकाइयों ने विला का निरीक्षण किया था।
बैंकों ने किंगफिशर विला को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की
अपोलो हॉस्पिटल अनुषंगी कंपनी में हिस्सेदारी बेचकर 450 करोड़ रुपए जुटाएगा
अपने क्लीनिक कारोबार को बढ़ाने के लिए अपोलो अस्पताल अपनी अनुषंगी कंपनी अपोलो हेल्थ एंड लाइफस्टाइल में कुछ हिस्सेदारी बेचकर 450 करोड़ रुपए जुटाएगा। अपोलो हॉस्पिटल समूह की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने यहां पत्रकारों से कहा, हमारा अब अधिक ध्यान क्लीनिकों के विस्तार पर है।
- क्लीनिक विभाग के लिए 450 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना है।
- इसमें स्पेक्ट्रा, क्रेडल और डे सर्जनी सेंटर भी शामिल हैं।
- इस निवेश के लिए बहुत जल्द धन जुटाया जाएगा।
- अपोलो हेल्थ एंड लाइफस्टाइल में कुछ हिस्सेदारी बेचकर एक इक्विटी भागीदार उसमें जोड़ेंगे।
- अभी अपोलो हेल्थ एंड लाइफस्टाइल में अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज लिमिटेड की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- इसके माध्यम से कंपनी भारत और पश्चिमी एशिया में विभिन्न वर्गों को भिन्न प्रकार की आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा देने वाले अपोलो क्लीनिक, अपोलो डायग्नॉस्टिक, अपोलो क्रेडल और अपोलो स्पेक्ट्रा जैसे केंद्रों का संचालन करती है।
सेबी ने तीन कंपनियों के बैंक, डीमैट खातों की कुर्की का आदेश दिया
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने करीब 47 करोड़ रुपए की वसूली के लिए तीन कंपनियों तथा उनके निदेशकों के बैंक और डीमैट खातों की कुर्की का आदेश दिया है।
- ये तीन कंपनियां हैं वी रीयल्टीज, शाह ग्रुप बिल्डर्स तथा सनशाइन ग्लोबल एग्रो।
- इन कंपनियों से उन पर लगाया गया जुर्माना, ब्याज, शुल्क, खर्च और अन्य लागत वसूली जानी है।
- ताजा आदेश इन कंपनियों को पूर्व में निवेशकों को उनका पैसा लौटाने के आदेश का अनुपालन नहीं करने की वजह से आया है।
- सेबी को वी रीयल्टीज से 22.41 करोड़ रुपए, सनशाइन ग्लोबल एग्रो से 21.49 करोड़ रुपए तथा शाह ग्रुप बिल्डर्स से 3.62 करोड़ रुपए की वसूली करनी है।