नई दिल्ली। सरकार रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। हाल में ही निचले स्तर पर साक्षात्कार खत्म करने के बाद अब सरकार ने रोजगार मेला आयोजित करने का फैसला लिया है। श्रम मंत्रालय ने नियोक्ताओं तथा रोजगार चाहने वालों के बीच अंतर को पाटने के मकसद से विभिन्न राज्यों में हर महीने कम-से-कम एक रोजगार मेला आयोजित करने का फैसला किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार का पहला रोजगार मेला श्रम मंत्रालय नोएडा में अपने नेशनल कैरिअर सर्विस सेंटर में 20 जुलाई को आयोजित करेगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि श्रम मंत्रालय ने हर वर्ष 20 जुलाई को राष्ट्रीय कैरिअर सेवा दिवस मनाने का फैसला किया है। इसका मकसद देश में रोजगार के अवसर के बारे में जागरूकता पैदा करना है। श्रम मंत्रालय को उम्मीद है कि अगले महीने नोएडा में होने वाले पहले रोजगार मेले में 50 नियोक्ता तथा 5,000 रोजगार चाहने वाले भाग लेंगे।
2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 11.6 करोड़ बेरोजगार लोग थे, जिसमें से 1 करोड़ लोगों के पास ग्रेजुएशन डिग्री और 72 लाख लोगों के पास टेक्नीकल डिग्री थी। 2014 तक भारत में 10 लाख एक्टिव रजिस्टर्ड कंपनियां हैं, जो प्राइवेट सेक्टर के तहत आती हैं। 30 सितंबर 2015 तक भारत में 300 केंद्रीय पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) हैं, जिनें पीएसयू भी कहा जाता है। इनमें से 7 महारत्न, 17 नवरत्न और 73 मिनीरत्न कंपनियां हैं। इनके अलावा यहां कई राज्य स्तरीय पब्लिक सेक्टर यूनिट भी हैं। हालांकि, प्राइवेट कंपनियों की तुलना में सरकारी कंपनियों की संख्या बहुत कम है।
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