मुंबई। देश की बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) के खिलाफ उसके एक शेयरधारक और पूर्व कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारी का आरोप है कि एलएंडटी ने कर्मचारी कल्याण कोष एवं संपत्ति में गड़बड़ी की है। कर्मचारी ने कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है।
हालांकि, कंपनी ने पूर्व कर्मचारी के दावों से इनकार किया है और उन्हें हल्का और आधारहीन बताया है। याचिकाकर्ता उदय दीक्षित ने इंजीनियरिंग कंपनी तथा उसके प्रमुख एएम नाइक के खिलाफ कार्रवाई का भी आग्रह अपनी याचिका में किया है।
दीक्षित ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि कंपनी ने शेयरधारकों और उनके कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी की है। एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष दायर याचिका में कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि एलएंडटी ने बिना कर्मचारियों की सहमति के 2003 से 2008 के बीच कर्मचारियों के वेतन से हर महीने 2,000 रुपए लिए। कर्मचारी कल्याण फाउंडेशन, जो एक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत है, को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदला गया और इसके धन का उपयोग आईसीआईसीआई बैंक से लोन लेने और 2003 से 2005 के बीच ग्रासिम से एलएंडटी की हिस्सेदारी खरीदने में किया गया।
याचिका में दावा किया गया है कि कर्मचारियों के वेतन और अन्य भुगतान को लेकर कर्मचारी यूनियन के साथ समझौते में यह राशि कभी प्रतिबिंबित नहीं की गई। इस बारे में ई-मेल के जरिये एलएंडटी से सवाल पूछे गए लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
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