नई दिल्ली। भारत में खादी और ग्रामीण उद्योगों (KVIC) द्वारा तैयार किए गए प्रोडक्ट की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि, अभी तक के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि देश में खादी और विलेज प्रोडक्ट की बिक्री 50,000 करोड़ रुपए को पार कर गई है।
अंग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक सरकार के प्रोत्साहन और प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के चलते खादी की बिक्री में तेजी आई है। वहीं इसी के साथ ही ग्रामीण उद्योगों द्वारा तैयार शहर, साबुन, कॉस्मेटिक्स, फर्नीचर, ऑर्गेनिक फूड प्रोडक्ट की बिक्री में भी जोरदार तेजी देखने को मिली है।
अखबार के मुताबिक KVIC (खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग) के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल ग्रामीण उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री में 24 फीसदी का इजाफा आया है, और यह बढ़कर 50,000 करोड़ रुपए के पास पहुंच गई है, वहीं खादी प्रोडक्ट की बात करें तो तो इसकी बिक्री में 33 फीसदी का उछाल आया है। 2015-16 में 1635 करोड़ रुपए थी जो कि अब बढ़कर 2005 करोड़ रुपए पहुंच गई है।
खास बात यह है कि KVIC के प्रोडक्ट में एफएमसीजी यानि कि रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं की बिक्री में जोरदार तेजी आई है। आंकड़ों पर गौर करें तो सिर्फ खादी की बिक्री बॉम्बे डाइंग और रेमंड को भी टक्कर दे रही है। अब केवीआईसी का लक्ष्य खादी की बिक्री वित्त वर्ष 2018-19 तक दोगुनी कर 5,000 करोड़ रुपये करने की है।
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