नई दिल्ली। ICICI बैंक के पूर्व चेयरमैन और BRICS ब्रैंक के पहले अध्यक्ष के वी कामथ ने अंग्रेजी अखबार ईटी को दिए इंटरव्यु में कहा है कि नोटबंदी के चलते सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपए टैक्स के रूप में मिल सकते हैं। इसके अलावा कामथ बताते है कि लंबी अवधि तक ब्याज दरों के कम रहने का माहौल बन सकता है। साथ ही, टैक्स नियमों के पालन के मामले में स्थिति बेहतर हो सकती है और सरकारी बैंकों की हालत सुधर सकती है।
नोटबंदी से देश में करप्शन पर लगाम लगेगी
- कामथ कहते है कि देश में करप्शन की समस्या से निपटने के लिए इस कदम की जरूरत थी।
- मेरी नजर में नकली करंसी का मुद्दा इसके सामने दूसरे दर्जे पर आता है।
- उन्होंने कहा, अगर मामला सर्कुलेशन में मौजूद रहने वाली करेंसी की मात्रा को घटाने और डिजिटल पेमेंट्स की ओर बढ़ने का भी है तो मुझे लगता है कि सरकार कई और कदम उठाने वाली है।
अगले कुछ महीनों में ब्याज दर में 1% तक घट सकती है
- उन्होंने कहा, इंट्रेस्ट रेट और इन्फ्लेशन पर असर होगा।
- आखिरकार अर्थव्यवस्था को इसी से रफ्तार मिलनी है।
- मेरा मानना है कि इस एक्शन के बाद अगर पेशेंट अच्छी हालत में रहा तो लंबी अवधि में उसकी सेहत बढ़िया रहेगी।
- उन्होंने कहा कि अगले छह महीनों में ब्याज दर एक फीसदी घटनी चाहिए।
सरकार को मिल सकते है 2.5 लाख करोड़ रुपए
- कामथ ने इस सोच पर सवाल उठाया कि नोटबंदी को तब विफल मान लिया जाएगा, जब रद्द किए गए नोटों वाली लगभग 15 लाख करोड़ रुपए की पूरी या अधिकतर रकम बैंकों में चली आए।
- कई लोग हाल में घोषित ऐमनेस्टी स्कीम के तहत कैश डिपॉजिट कराना चाहेंगे, जिस पर 50 फीसदी टैक्स देना होगा।
- कामथ ने कहा कि टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में 2.5 लाख करोड़ रुपए तक आ सकते हैं।
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