Yes Bank की तरह एक और प्राइवेट बैंक नगदी संकट में फंसा, कोटक महिंद्रा बैंक ने बचाने के लिए आगे बढ़ाया हाथ
30 जून, 2019 तक बैंक की 569 बैंक शाखाएं थीं, जिसमें 7 कमर्शियल बैकिंग शाखाएं और एक सैटेलाइट शाखा शामिल है।
नई दिल्ली। अरबपति उदय कोटक के नेतृत्व वाले कोटक महिंद्रा बैंक ने चेन्नई के संकट-ग्रस्ट लक्ष्मी विलास बैंक को डूबने से बचाने के लिए अपनी इच्छा जताई है। लक्ष्मीविलास बैंक अभी आरबीआई की निगरानी में है और कोटक महिंद्रा बैंक ने इसके अधिग्रहण का प्रस्ताव आरबीआई को सौंपा हैं। मनीकंट्रोल ने सूत्रों के मुताबिक यह रिपोर्ट दी है।
सूत्रों ने बताया कि कोटक महिंद्रा बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक को खरीदने के लिए देरी से अपनी रुचि दिखाई है और वह अधिकांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की संभावना तलाश रही है। अन्य रणनीतिक और प्राइवेट इक्विटी फंड भी लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण करने की दौड़ में शामिल हैं। सूत्र ने बताया कि कोटक महिंद्रा बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक में निवेश के लिए आरबीआई को एक प्रस्ताव सौंपा है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक अन्य पक्षों से भी बातचीत कर रहा है। यदि यह सौदा पूरा होता है तो दक्षिण भारत में कोटक महिंद्रा बैंक की उपस्थिति और मजबूत हो सकती है।
डीबीएस बैंक इंडिया, इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस और एक प्राइवेट सेक्टर बैंक लक्ष्मी विलास बैंक को खरीदने की दौड़ में शामिल हैं। सिंगापुर का टेमासेक और अमेरिका का टिलडेन पार्क भी संभावित खरीदार की दौड़ में शामिल हैं।
इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और लक्ष्मी विलास बैंक ने अप्रैल 2019 में विलय की घोषणा की थी, लेकिन आरबीआई ने अक्टूबर में इस पर रोक लगा दी। आरबीआई के इस फैसले के पीछे क्या वजह रही इस बात का खुलासा लक्ष्मी विलास बैंक ने नहीं किया। इससे पहले आरबीआई ने एनपीए में बहुत अधिक वृद्धि होने के बाद लक्ष्मी विलास बैंक को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के दायरे में रखा था।
लक्ष्मी विलास बैंक के अंतरिम एमडी और सीईओ एस सुंदर ने कहा कि हमें अपनी लोन बुक और ऑपरेशन में सुधार के लिए 1500 से 2000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। संकटग्रस्त बैंक का मार्केट कैप 456 करोड़ रुपए है और पिछले छह महीने में बैंक का शेयर 65 प्रतिशत तक टूट चुका है। बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 6.78 प्रतिशत है। इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस की हिस्सेदारी 4.99 प्रतिशत, पीई फंड जूपीटर कैपिटल प्राइवेट लि की 1.08 प्रतिशत, श्रेई इंफ्रा फाइनेंस की 1.92 प्रतिशत, कैपरी ग्लोबल होल्डिंग्स प्रा. लि. की 2.62 प्रतिशत और एलआईसी की हिस्सेदारी 1.62 प्रतिशत है।
दिसंबर 2019 तिमाही में बैंक का शुद्ध घाटा बढ़कर 334 करोड़ रुपए रहा। बैंक का सकल एनपीए 21.25 प्रतिशत है। लक्ष्मी विलास बैंक रिटेल, मिड-मार्केट और कॉरपोरेट क्षेत्र में परिचालन करता है। 30 जून, 2019 तक बैंक की 569 बैंक शाखाएं थीं, जिसमें 7 कमर्शियल बैकिंग शाखाएं और एक सैटेलाइट शाखा शामिल है। तमिलनाडु में मजबूत उपस्थिति के साथ यह बैंक 16 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में भी मौजूद है। बैंक की 32 बी कैटेगरी शाखाएं और 1047 एटीएम हैं।