भारत के इस James Bond ने बनाई थी पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की स्ट्रैटेजी, जानिए कितनी हैं इनकी कमाई
देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल को मीडिया में अक्सर भारत का James Bond कहा जाता है। मौजूदा समय में PM के बाद सबसे ताकतवर व्यक्ति माने जाते है।
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया है। सेना ने 3 किलोमीटर अंदर घुसकर कई ठिकाने तबाह किए और 38 आतंकियों को मार गिराया। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में अजीत डोभाल है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NAS) डोभाल को मीडिया में अक्सर भारत के James Bond के नाम से जाना जाता है। मौजूदा समय में पीएम मोदी के बाद देश का सबसे ताकतवर व्यक्ति कहा जाता है।
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सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर माइंड थे डोभाल
- कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीओके में सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर माइंड थे।
- पूरे ऑपरेशन का ताना बाना डोभाल ने ही बुना। उन्होंने पाकिस्तान को छकाने की रणनीति बनाई।
- साथ ही पूरे ऑपरेशन के दौरान डीजीएमओ के साथ लगातार संपर्क में रहे। और हर पल की जानकारी लेते रहे।
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भी प्रतिमाह 1,62,500 रुपये सैलरी मिलती है।
- डोभाल खुफिया ऑपरेशन के लिए जाने जाते हैं।
तस्वीरों में देखिए अजीत डोभाल को…
Ajit Doval NSA
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डोभाल रहें है कई सिक्युरिटी कैंपने के हिस्सा
- 1980 के बाद से वह कई सिक्युरिटी कैंपेन का हिस्सा रहे हैं।
- बता दें कि पठानकोट ऑपरेशन को सफल बनाने में उनका रोल अहम है।
- अजीत डोभाल भारत के इकलौते ऐसे पुलिस अफसर हैं, जिन्हें कीर्ति चक्र और शांतिकाल में मिलने वाले गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा गया है।
- जासूसी की दुनिया में 37 साल का तजुर्बा रखने वाले डोभाल 31 मई, 2014 को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने थे।
ये हैं डोभाल की बड़ी उपलब्धियां
- 1980 के दशक में लालडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट के उग्रवाद को काबू करने के लिए अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाला और ललडेंगा के 7 में से 6 कमांडरों को अपने साथ जोड़ लिया।
- खुफिया एजेंसी रॉ के अंडर कवर एजेंट के तौर पर डोभाल 7 साल तक पाकिस्तान के लाहौर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम बन कर रहे थे।
- जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हमले के काउंटर ऑपरेशन ब्लू स्टार में जीत के नायक बने। वो रिक्शा वाला बनकर मंदिर के अंदर गए और खालिस्तानियों की जानकारी आर्मी को दी, जिसके आधार पर ऑपरेशन में भारतीय सेना को सफलता मिली।
- 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान ऑपरेशन ब्लैक थंडर में अजीत डोभाल आतंकियों से निगोसिएशन करने वाले मुख्य अफसर थे।
- जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों और शांति के पक्षधर लोगों के बीच काम करते हुए डोभाल ने कई आतंकियों को सरेंडर करा प्रो-इंडिया बनाया।
- अजीत डोभाल 33 साल तक नॉर्थ-ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खुफिया जासूस भी रहे।
- 2015 में मणिपुर में आर्मी के काफिले पर हमले के बाद म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों के खात्मे के लिए सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के हेड प्लानर रहे।
- जनवरी 2016 में हुए पठानकोट आतंकी हमले के काउंटर ऑपरेशन को सफलतापूर्वक लीड किया।
डोभाल ने की है मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई
- 20 जनवरी, 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजीत डोभाल ने अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की थी।
- केरल के 1968 बैच IPS अफसर डोभाल अपने अप्वाइंटमेंट के चार साल बाद 1972 में ही इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) से जुड़ गए।
- पूरे करियर में डोभाल ने महज 7 साल ही पुलिस की वर्दी पहनी। उनका ज्यादातर वक्त खुफिया डिपार्टमेंट में बतौर जासूस गुजरा। 2005 में IB डायरेक्टर पोस्ट से रिटायर हुए।
- अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में डोभाल मल्टी एजेंसी सेंटर और ज्वाइंट इंटेलिजेंस टास्क फोर्स के चीफ थे।