नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक के 14 हजार करोड़ रुपये के कर्ज धोखाधड़ी मामले में आज यूके की अदालत से नीरव मोदी को झटका लगा है। नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पीएनबी बैंक से लिए कर्ज में धोखाधड़ी की थी। सालों से नीरव मोदी भारतीय कानून से बचने की कोशिशों में लगा हुआ था। आज यूके कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत भेजे जाने पर मुहर लगा दी। नीरव मोदी को मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था।
क्या था घोटाला
- अरबपति कारोबारी नीरव मोदी और उसके साथियों ने साल 2011 में बिना तराशे हुए हीरे आयात करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट सुविधा पाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक की एक ब्रांच से संपर्क साधा
- आम तौर पर बैंक विदेश से आयात को लेकर होने वाले भुगतान के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट जारी करता है। इसमें बैंक सप्लायर को भुगतान करता है। कर्ज लेने के 90 दिन के बाद नीरव मोदी को पैसा चुकाना था।
- हालांकि पंजाब नेशनल बैंक के कुछ कर्मचारियों ने नीरव मोदी की कंपनियों को फर्जी लैटर ऑफ क्रेडिट जारी किए और इस बारे में मैनेजमेंट को अंधेरे में रखा गया।
- साजिश के तहत बैंक के कर्मचारियों ने इंटर बैंक मैसेजिंग सिस्टम तक अपनी पहुंच का फायदा उठाया जिससे भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं को नीरव मोदी पर कोई शक नहीं हुआ और उन्होने नीरव मोदी की कंपनियों को फॉरेक्स क्रेडिट जारी कर दिए।
- जब लाइन ऑफ क्रेडिट मैच्योर हुए तो फर्जी वाड़े में शामिल बैंक के कर्मचारियों ने 7 साल तक दूसरे बैंक की रकम का इस्तेमाल इस लोन को रिसाइकिल करने के लिए किया।
- पुराने कर्मचारियों के रिटायर होने पर उनकी जगह आए नए कर्मचारियों ने ये गलती पकड़ी और घोटाले पर जांच शुरू कर दी गई।
- जांच से बचने के लिए नीरव मोदी देश से भाग गया। सरकार के प्रयासों से उसे 2019 में लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया।
नीरव मोदी की बहन बनी सरकारी गवाह
हाल ही में नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी सरकारी गवाह बन गई हैं। उन्होने जांच में पूरे सहयोग के साथ रकम की रिकवरी में पूरी मदद करने का भी आश्वासन दिया है। इस कदम की वजह से नीरव मोदी के खिलाफ केस को मजबूत बनाने में मदद मिली है।
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