Master Blaster: सचिन और सेंसेक्स के बीच है एक गहरा राज!, शायद नहीं जानते होंगे आप
किक्रेट के भगवान सचिन तेंदुलकर और शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स के बीच एक गहरा रिश्ता है। इस रिश्ते को समझने के लिए आपको 1990 के दौर में जाना होगा।
नई दिल्ली। किक्रेट के भगवान सचिन तेंदुलकर और शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स के बीच एक गहरा रिश्ता है। इस रिश्ते को समझने के लिए आपको 1990 के दौर में जाना होगा। यह वह समय है जब देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई और तभी सचिन ने भी अपने करियर को रफ्तार देना शुरू किया था। हालांकि, अब सचिन क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन शुक्रवार यानी 26 मई 2017 सचिन और सेंसेक्स दोनों के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा। इस दिन सेंसेक्स ने 31 हजार का नया आंकड़ा छुआ, वहीं, सचिन के जीवन पर बनी फिल्म ‘सचिन: वन बिलियन्स ड्रीम्स’ रीलीज हुई। आइए जानते हैं सचिन और सेंसेक्स में क्या है समानता।
सचिन और सेंसेक्स की उपलब्धियां
जैसे-जैसे सचिन तेंदुलकर ने करियर में नई उपलब्धियां हासिल कीं, वैसे-वैसे भारतीय अर्थव्यस्था ने भी उनका साथ दिया। जैसे वह एक खिलाड़ी के रूप में बड़े होते गए वैसे ही भारत की इकोनॉमी भी बड़ी होती गई। इकोनॉमी के रफ्तार पकड़ने से सेंसेक्स ने नई ऊंचाइयों को छुआ। यह भी पढ़े: सचिन तेंदुलकर ने लॉन्च किया Smartron srt.phone, जबरदस्त फीचर्स से लैस है यह खास फोन
सन 1999: सचिन ने टेस्ट क्रिक्रेट में 5000 रन का आकंड़ा छुआ। वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स ने भी 5000 का नया शिखर बनाया।
सन 2005: सचिन को 5000 रन से 10 हजार रन तक पहुंचने में छह साल लगे। इसी तरह सेंसेक्स भी छह साल बाद 10 हजार के स्तर को पार कर पाया। यह भी पढ़े: स्किल इंडिया कार्यक्रम के ब्रांड एंबेस्डर बने सचिन तेंदुलकर, युवाओं को करेंगे जागरूक
सन 2009: साल 2007 में दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में तेजी थी। इसका फायदा सेंसेक्स को भी मिला, लेकिन अचानक 2008 की शुरुआत में अमेरिका समेत दुनियाभर की इकोनॉमी पर लेहमन ब्रदर्स संकट गहरा गया। इससे भारत भी अछूता नहीं रह सका। वहीं, इस दौरान सचिन भी अपने करियर के बुरे दौर से गुजर रहे थे। कई बार उन पर सिर्फ अपने रिकॉर्ड के लिए खेलने के आरोप लगे और उन्हें टीम से बाहर करने का दबाव भी सिलेक्टर के ऊपर बनाया गया। यह भी पढ़े: #3yearsofModiGovt: मोदी राज में शेयर बाजार ने दिया 27 फीसदी का रिटर्न, ऐसे 5 हजार रुपए का निवेश हुआ 3 लाख
सन 2011: 2009 के अंत तक भारत सरकार के उठाए कदमों और बेहतर घरेलू फंडामेंटल के चलते देश की इकोनॉमी पटरी पर लौटने लगी। जिसके चलते विदेशी निवेशकों ने फिर से भारत का रुख किया और सेंसेक्स 15 हजार के पार पहुंच गया। दूसरी तरफ सचिन ने भी अपनी फिटनेस को बेहतर किया। इसके बाद तो ना मानों जैसे दुनियाभर के बोलर्स पर आफत सी आ गई। यह भी पढ़े #ModiGovernment3Saal: मोदी राज में निफ्टी छुएगा 10 हजार का स्तर, चुनिंदा शेयरों में बनेगा पैसा
आंकड़ों पर नजर डालिए
साल 1990 में बीएसई का सेंसेक्स 800-900 के आसपास कारोबार कर रहा था। आज 31 हजार के पार पहुंच गया है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 18.01 पर था। आज (शुक्रवार) यह 64.44 के स्तर पर है। डॉलर के मुकाबले रुपया 200 फीसदी कमजोर हुआ है।
जब सचिन ने किक्रेट खेलना शुरू किया तब पेट्रोल की कीमत 9.84 रुपए प्रति लीटर थी। फिलहाल पेट्रोल के दाम 65.32 रुपए प्रति लीटर (दिल्ली के भाव) हैं। डीजल की कीमत 4.08 रुपए प्रति लीटर थी, अब यह 54.90 रुपए प्रति लीटर (दिल्ली के भाव) है। यह भी पढ़े: #ModiGoverment3Saal: मोदी के कार्यकाल में निवेशक हुए मालामाल, ऐसे 5 हजार रुपए लगाकर कमाए 3 लाख