मुंबई। संकटग्रस्त उद्योगपति विजय माल्या की गोवा की संपत्ति किंगफिशर विला की नीलामी का एक और प्रयास आज बेकार गया। हालांकि, बैंकों ने संपत्ति के लिए आरक्षित मूल्य पांच प्रतिशत घटाकर 81 करोड़ रुपए कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद कोई खरीदार आगे नहीं आया।
करीब 17 बैंकों के गठजोड़ द्वारा माल्या से 9,000 करोड़ रुपए की वसूली के लिए उनकी प्रमुख संपत्तियों की बिक्री का एक और प्रयास विफल हो गया है। इससे पहले सोमवार को बैंकों को किंगफिशर हाउस के लिए कोई खरीदार नहीं मिला था। इसे तीसरी बार नीलामी के लिए पेश किया गया था।
एक सूत्र ने कहा कि ऐसी उम्मीद थी कि विला के लिए इस बार कोई खरीदार मिल जाएगा, लेकिन दुर्भाग्य से कोई भी बोलीदाता आगे नहीं आया। नीलामी इस बार भी विफल हो गई।
- विशेषज्ञों के मुताबिक नीलामी विफल होने की एक वजह यह हो सकती है कि लोग उम्मीद कर रहे हैं कि रियल एस्टेट के दाम नीचे आएंगे।
- ऐसे में वे विला के लिए आरक्षित मूल्य में और कमी चाहते हैं।
- एक विशेषज्ञ ने कहा कि नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट मार्केट में मंदी आई है। प्रॉपर्टी कीमतें नीचे आ रही हैं।
- अक्टूबर में जब इस विला को पहली बार नीलामी के लिए रखा गया था, तब इसकी रिजर्व प्राइस 85.29 करोड़ रुपए थी।
- रिजर्व प्राइस बहुत अधिक होने के कारण उस समय एक भी बोलीदाता ने बोली नहीं लगाई थी।
- इस विला का इस्तेमाल विजय माल्या अपनी आलीशान पार्टियां आयोजित करने के लिए करते थे।
- बैंकों ने इस साल मई में इस प्रॉपर्टी पर अपना अधिकार हासिल किया था।
- इस विला पर यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स का मालिकाना हक है और किंगफिशर एयरलाइंस ने इसे 2010 में बैंकों से कर्ज लेने के लिए गिरवी रखा था।
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