नई दिल्ली। केरल और प.बंगाल ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी की भरपाई के लिए कर्ज लेने के लिए केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद अब ये दोनों राज्य रिजर्व बैंक की विशेष सुविधा के तहत कुल 10,197 करोड़ रुपये का कर्ज प्राप्त कर सकेंगे। अभी तक ये राज्य केंद्र की कर्ज योजना का विरोध कर रहे थे। केरल को 4,522 करोड़ रुपये और प.बंगाल को 6,787 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दी गई है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘केरल और प.बंगाल सरकार ने जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए विकल्प-एक को स्वीकार करने के बारे में सूचित किया है। अब तक 25 राज्य इस विकल्प को चुन चुके हैं।’’’ तीनों संघ शासित प्रदेशों दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी ने भी विकल्प-एक ही चुना है।
मंत्रालय ने कहा कि अब अगले चरण में जुटाए जाने वाले कर्ज से केरल और प.बंगाल को भी राशि मिलनी शुरू होगी। बयान में कहा गया है कि केरल और प.बंगाल को जीएसटी के क्रियान्वयन से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 10,197 करोड़ रुपये मिलेंगे। केरल और प.बंगाल की ओर से पहले विकल्प को स्वीकार करने की सूचना मिलने के बाद केंद्र ने उन्हें अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति भी दी है।
चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी रहने का अनुमान है। इससे पहले केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिये थे। पहले विकल्प के तहत रिजर्व बैंक के द्वारा 97 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिये विशेष सुविधा दिये जाने, तथा दूसरे विकल्प के तहत पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में अनुमानित कमी में महज 97 हजार करोड़ रुपये के लिये जीएसटी क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष कमी का कारण कोरोना वायरस महामारी है। अधिकांश राज्य रकम जुटाने के लिए पहले विकल्प को चुन रहे हैं।
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