तिरुवनंतपुरम। किसानों के लिए खुशखबरी है। केरल ने सब्जियों के लिए न्यूनतम मूल्य तय करने का फैसला किया है। ऐसा करने वाला वह देश का पहला राज्य बन गया है। सब्जियों का यह न्यूनतम या आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह योजना एक नवंबर से प्रभावी होगी। योजना की ऑनलाइन शुरुआत करते हुए, उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब केरल में उत्पादित 16 किस्मों की सब्जियों के लिए आधार कीमत तय की गई थी।
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य द्वारा यह पहली ऐसी पहल है, जो किसानों को राहत और सहायता प्रदान करेगी। एक सरकारी विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि सब्जियों का आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। यहां तक कि अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला जाता है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर खरीदा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्जियों को गुणवत्ता के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा और आधार मूल्य उसी के हिसाब से तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश भर के किसान संतुष्ट नहीं हैं लेकिन पिछले साढ़े चार साल से हमने उनका समर्थन किया है। सरकार ने राज्य में कृषि को विकसित करने के लिए कई लक्षित पहल की हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि केरल में पिछले साढ़े चार साल में सब्जी उत्पादन दोगुना हो गया है यानि यह उत्पादन सात लाख टन से बढ़कर 14.72 लाख टन हो गया है। केरल में केले का समर्थन मूल्य 30 रुपए, पाइनएप्पल का 15 रुपए प्रति किलो और टमाटर की एमएसपी 8 रुपए प्रति किलो तय की गई है। योजना के लिए वर्तमान साल के लिए 35 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। इस योजना के तहत केरल सरकार एक हजार स्टोर भी खोलेगी।
कर्नाटक सरकार भी ऐसी मांग पर विचार कर रही है। पंजाब में भी ऐसी मांग उठ रही है। महाराष्ट्र में भी समय-समय पर ऐसी मांग उठती रही है। महाराष्ट्र में खासकर अंगूर, टमाटर, प्याज जैसी फसलों के किसान काफी परेशान रहते हैं। कुछ साल पहले यह देखा गया था कि किसानों को अंगूर 10 रुपए किलो बेचना पड़ा जबकि उनकी लागत 40 रुपए प्रति किलो तक आ रही थी। पंजाब के किसान संगठनों ने हाल में राज्य सरकार से मांग की है कि सब्जियों एवं फलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए।
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