नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ याचिका को खारिज करते हुए साथ कुछ अंकुशों को उचित ठहराया है। अदालत ने कहा कि यह केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक का मामला है।
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- अपने आदेश में न्यायमूर्ति अशोक बी हिनचिगरी ने अपने आदेश में कहा कि जाली नोट, कालेधन और आतंकवाद जैसी बुराइयों से निपटने के लिए उठाए गए कदम के साथ कुछ अंकुश लागू होंगे।
- हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह की स्थिति में भारत सरकार और रिजर्व बैंक को कोई आदेश नहीं दिया जा सकता।
- अदालत ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें नोटबंदी के बाद लगाई गई निकासी की सीमा को हटाने की अपील की गई थी।
- अदालत ने कहा कि समाज के व्यापक हित में जब कोई वृहद मिशन आगे बढ़ाया जाता है तो बदलाव की अवधि के दौरान कुछ नियामकीय उपाय लगाने पड़ते हैं, इससे समाज के कुछ वर्गों के लोग प्रभावित हो सकते हैं।
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8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट पर पाबंदी का ऐलान किया था। इसके बाद लोगों को राहत देने के लिए इन नोटों के इस्तेमाल को लेकर समय-समय पर छूट दी गई थी।
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