नई दिल्ली। सरकार रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए उन्हें निजी कंपनियों को सौंपने जा रही है। सरकार का लक्ष्य देशभर के 400 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये आधुनिक बनाने की है। इसी योजना के पहले चरण में 23 स्टेशनों की ई-नीलामी 28 जून को आयोजित की जाएगी। इसमें हर स्टेशन के लिए बोली लगाने के लिए एक आधार मूल्य रखा गया है।
पहले चरण में इन स्टेशनों की होगी नीलामी
पहले चरण में यानि 28 जून को कानपुर सेंट्रल, इलाहाबाद, उदयपुर, चेन्नई सेंट्रल, बेंगलुरु, लोकमान्य तिलक (टर्मिनस) मुंबई, पुणे, थाणे, विशाखापट्नम, हावड़ा, कामाख्या, फरीदाबाद, जम्मू तवि, बैंगलोर छावनी, भोपाल, मुंबई सेंट्रल (मुख्य), बोरीवली और इंदौर आदि।
यात्रियों को मिलेंगी विश्वस्तरीय सुविधाएं
निजी हाथों में रेलवे स्टेशन को सौंपने से यहां साफ-सफाई तो बेहतर रहेगी ही साथ ही यहां यात्रियों को विश्व-स्तरीय सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन सुविधाओं के लिए यात्रियों से कोई शुल्क लिया जाएगा या नहीं।
क्या होगी व्यवस्था
नीलामी में बोली जीतने वाले को रेलवे स्टेशन 45 साल की लीज पर दिया जाएगा। रेलवे इन स्टेशनों पर टिकटिंग, सुरक्षा, पार्सल सर्विस और ट्रेनों के संचालन की जिम्मेदारी पहले की तरह ही संभालती रहेगी। निजी कंपनियों को स्टेशन के आसपास की जमीन विकसित करने के लिए दी जाएगी। जहां वह होटल, मॉल, मल्टीप्लेक्स और अन्य कॉमर्शियल यूनिट बनाएंगी। इसके अलावा वे स्टेशन के प्लेटफॉर्म और लाउंज को उन्नत कर उन्हें विश्व स्तरीय सुविधायुक्त बनाएंगी। स्टेशन पर फूड स्टॉल, रिटायरिंग रूम्स, प्ले एरिया भी निजी कंपनियों द्वारा विकसित किया जाएगा।
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